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Mahant Narendra Giri Death case: महंत रवींद्र पुरी को आत्महत्या पर नहीं हो रहा भरोसा, उठाए ये सवाल

निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी ने महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड पर संशय है. हालांकि, अब वे सीबीआई की जांच से सुसाइड के संकेत मिलने की बात को स्वीकार रहे हैं, लेकिन उन्हें घटना पर अभी भी यकीन नहीं हो रहा है.

निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी
निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी
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Published : Sep 27, 2021, 6:20 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 7:01 PM IST

प्रयागराज: महन्त नरेंद्र गिरी के संदिग्ध मौत (Mahant Narendra Giris suicide) मामले में अब उन्हीं के अखाड़े के साधु भी सुसाइड की तरफ संकेत देने लगे हैं. पंचायती अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्र पुरी (Niranjani Akhara secretary Ravindrapuri ) का कहना है कि अभी तक सीबीआई की जांच से उन्हें भी सुसाइड के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन उन्हें घटना पर यकीन नहीं हो रहा है. उन्होंने यह भी माना कि सुसाइड से पहले महंत नरेंद्र गिरी ने एक अपना वीडियो बनाया था, जिसमें उन्होंने सुसाइड नोट की तरह ही अपने आत्महत्या की बात कहते दिख रहे हैं.

बहरहाल, महंत नरेंद्र गिरी के संदिग्ध मौत के मामले के पीछे सच्चाई क्या है इसका पता तो सीबीआई की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन, अभी भी सुसाइड को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. गौरतलब है कि इससे पहले रविंद्र पुरी सुसाइड लैटर की सत्यता पर सवाल उठाया था.


महंत नरेन्द्र गिरी के विश्राम कक्ष का ताला खुलने के बाद सीबीआई को कई अहम सुराग मिले हैं, जिसमे सीबीआई को कई जानकारियां मिली हैं. महंत नरेंद्र गिरी की अनंत, अंगूठी, माला, सोने की चेन और घड़ी भी मिले हैं. सुसाइड वाले दिन महंत नरेंद्र गिरी ने नीचे उतरने से पहले अपने हाथों से अनंत भी उतार दिया था. इसके साथ ही चेन, अंगूठी और गले में पहनी जाने वाली मालाओं को भी उतारकर विश्राम कक्ष में रख दिया था. महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि अनंत को साल में एक बार ही उतारकर उसकी पूजा की जाती है, लेकिन महंत नरेंद्र गिरी ने अपने बाजुओं से अनंत को उतार दिया था. इससे ये संकेत मिल रहा है कि उनके इरादे सुसाइड करने के रहे हों.

जानकारी देते निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी



वीडियो दे रहा है सुसाइड के संकेत
यही नहीं महन्त नरेंद्र गिरी का सुसाइड से पहले एक वीडियो भी बना हुआ है, जिसमें उन्होंने वही बातें कही थीं जो उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा हुआ है. इससे उनके सुसाइड करने की संभावना बढ़ जाती है. रवींद्र पुरी का कहना है कि उन्हें उस वीडियो को दिखाया गया है, जिसको देखकर लगता है कि महन्त नरेंद्र गिरी ने सुसाइड से पहले वीडियो भी बनाया था. हालांकि, उन्होंने वीडियो किसके पास है किसने उन्हें वीडियो दिखाया इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी. महंत नरेंद्र गिरी अपने से वीडियो नहीं बनाते थे वो स्मार्ट फोन रखते थे. लेकिन उसका इस्तेमाल सिर्फ बात करने के लिए करते थे. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या महंत नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड से पहले पहली बार मोबाइल से वीडियो बनाया.


महंत नरेंद्र गिरी 20 सितंबर को अपने मठ बाघम्बरी गद्दी में आत्महत्या करने की बात कही जा रही है, लेकिन जिस दिन महंत के सुसाइड करने की बात बताई गई उस दिन शाम को मठ के उस हिस्से में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद थे. जिस वजह से घटना के पहले और बाद के सीन उसमें कैद नहीं हुए. चर्चा यह भी है कि उस दिन घटना के समय लाइट नहीं थी, जिस वजह से सीसीटीवी में कुछ कैद नहीं हुआ है, जबकि मठ के कर्मचारी ने बताया कि मठ में लगे कई सीसीटीवी कैमरे काम नहीं करते हैं.

इसे भी पढ़ें-Narendra Giri Death Case: CBI ने किया क्राइम सीन का रिक्रिएशन, गहनता से हुई पूछताछ


हालांकि, 20 सितंबर को जब घटना हुई उस वक्त के आसपास सीसीटीवी बन्द थे या खराब थे या फिर किसी साजिश के तहत सीसीटीवी को खराब किया गया. इन सभी सवालों का जवाब सीबीआई अपनी जांच में पता कर रही है. महंत रवींद्र पूरी ने यह भी बताया कि मठ के अगले हिस्से में 16 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. इसी तरह से पूरे मठ में करीब 40 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन ज्यादातर काम नहीं कर रहे हैं. वहीं, घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी की डीवीआर को उसी दिन कब्जे में ले लिया था. सीबीआई ने जब मामले की जांच शुरू की तो उसके साथ ही उन्होंने डीवीआर को जांच के लिए अपने कब्जे में ले लिया है.

प्रयागराज: महन्त नरेंद्र गिरी के संदिग्ध मौत (Mahant Narendra Giris suicide) मामले में अब उन्हीं के अखाड़े के साधु भी सुसाइड की तरफ संकेत देने लगे हैं. पंचायती अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्र पुरी (Niranjani Akhara secretary Ravindrapuri ) का कहना है कि अभी तक सीबीआई की जांच से उन्हें भी सुसाइड के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन उन्हें घटना पर यकीन नहीं हो रहा है. उन्होंने यह भी माना कि सुसाइड से पहले महंत नरेंद्र गिरी ने एक अपना वीडियो बनाया था, जिसमें उन्होंने सुसाइड नोट की तरह ही अपने आत्महत्या की बात कहते दिख रहे हैं.

बहरहाल, महंत नरेंद्र गिरी के संदिग्ध मौत के मामले के पीछे सच्चाई क्या है इसका पता तो सीबीआई की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन, अभी भी सुसाइड को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. गौरतलब है कि इससे पहले रविंद्र पुरी सुसाइड लैटर की सत्यता पर सवाल उठाया था.


महंत नरेन्द्र गिरी के विश्राम कक्ष का ताला खुलने के बाद सीबीआई को कई अहम सुराग मिले हैं, जिसमे सीबीआई को कई जानकारियां मिली हैं. महंत नरेंद्र गिरी की अनंत, अंगूठी, माला, सोने की चेन और घड़ी भी मिले हैं. सुसाइड वाले दिन महंत नरेंद्र गिरी ने नीचे उतरने से पहले अपने हाथों से अनंत भी उतार दिया था. इसके साथ ही चेन, अंगूठी और गले में पहनी जाने वाली मालाओं को भी उतारकर विश्राम कक्ष में रख दिया था. महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि अनंत को साल में एक बार ही उतारकर उसकी पूजा की जाती है, लेकिन महंत नरेंद्र गिरी ने अपने बाजुओं से अनंत को उतार दिया था. इससे ये संकेत मिल रहा है कि उनके इरादे सुसाइड करने के रहे हों.

जानकारी देते निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी



वीडियो दे रहा है सुसाइड के संकेत
यही नहीं महन्त नरेंद्र गिरी का सुसाइड से पहले एक वीडियो भी बना हुआ है, जिसमें उन्होंने वही बातें कही थीं जो उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा हुआ है. इससे उनके सुसाइड करने की संभावना बढ़ जाती है. रवींद्र पुरी का कहना है कि उन्हें उस वीडियो को दिखाया गया है, जिसको देखकर लगता है कि महन्त नरेंद्र गिरी ने सुसाइड से पहले वीडियो भी बनाया था. हालांकि, उन्होंने वीडियो किसके पास है किसने उन्हें वीडियो दिखाया इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी. महंत नरेंद्र गिरी अपने से वीडियो नहीं बनाते थे वो स्मार्ट फोन रखते थे. लेकिन उसका इस्तेमाल सिर्फ बात करने के लिए करते थे. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या महंत नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड से पहले पहली बार मोबाइल से वीडियो बनाया.


महंत नरेंद्र गिरी 20 सितंबर को अपने मठ बाघम्बरी गद्दी में आत्महत्या करने की बात कही जा रही है, लेकिन जिस दिन महंत के सुसाइड करने की बात बताई गई उस दिन शाम को मठ के उस हिस्से में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद थे. जिस वजह से घटना के पहले और बाद के सीन उसमें कैद नहीं हुए. चर्चा यह भी है कि उस दिन घटना के समय लाइट नहीं थी, जिस वजह से सीसीटीवी में कुछ कैद नहीं हुआ है, जबकि मठ के कर्मचारी ने बताया कि मठ में लगे कई सीसीटीवी कैमरे काम नहीं करते हैं.

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हालांकि, 20 सितंबर को जब घटना हुई उस वक्त के आसपास सीसीटीवी बन्द थे या खराब थे या फिर किसी साजिश के तहत सीसीटीवी को खराब किया गया. इन सभी सवालों का जवाब सीबीआई अपनी जांच में पता कर रही है. महंत रवींद्र पूरी ने यह भी बताया कि मठ के अगले हिस्से में 16 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. इसी तरह से पूरे मठ में करीब 40 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन ज्यादातर काम नहीं कर रहे हैं. वहीं, घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी की डीवीआर को उसी दिन कब्जे में ले लिया था. सीबीआई ने जब मामले की जांच शुरू की तो उसके साथ ही उन्होंने डीवीआर को जांच के लिए अपने कब्जे में ले लिया है.

Last Updated : Sep 27, 2021, 7:01 PM IST
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