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डॉ. कफील खान की याचिका पर 19 जुलाई को होगी अगली सुनवाई - hearing on dr kafeel khan petition

गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कफील खान की याचिका पर अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई इस याचिका में अलीगढ़ में दर्ज केस को समाप्त करने की मांग की गई है.

डॉ. कफील खान
डॉ. कफील खान
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Published : Jul 15, 2021, 8:00 PM IST

प्रयागराज: गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कफील खान की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस याचिका में अलीगढ़ में दर्ज केस को समाप्त करने की मांग की गई है. डॉ. कफील की यह याचिका 16 मार्च 2021 को दाखिल की गई थी. इस याचिका पर पहली सुनवाई 23 मार्च को हो चुकी है. डॉ. कफील अहमद खान की याचिका पर जस्टिस विपिन चंद्र दीक्षित की एकल पीठ सुनवाई कर रही है.

बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के डॉ कफील खान की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है. याचिका में अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में चल रहे मुकदमे को चुनौती दी गई है. इस पर अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी. इस याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति वी सी दीक्षित कर रहे हैं. मेडिकल कॉलेज से डॉ कफील के निलंबन के खिलाफ दाखिल दूसरी याचिका की सुनवाई 23 जुलाईको होगी. इसकी सुनवाई न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र कर रहे हैं.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए और एनआरसी लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन में डॉ. कफील शामिल हुए थे. ‌उन पर अलीगढ़ प्रशासन ने सीएए और एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया था. इस मामले में डॉ. कफील अहमद खान के खिलाफ अलीगढ़ में FIR दर्ज हुई थी. इसके बाद डीएम अलीगढ़ ने 13 फरवरी 2020 को डॉ. कफील के खिलाफ NSA के तहत भी कार्रवाई की थी और उन पर जेल में ही रासुका तामील कराया गया था. इसके साथ ही डीएम ने दो बार NSA की अवधि को बढ़ाया था, जिसे डॉक्टर कफील ने याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी.

हाईकोर्ट ने दी थी जमानत
हाईकोर्ट ने डॉ. कफील खान के उपर लगाए गए NSA को अवैध करार देते हुए, उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने दो बार रासुका की अवधि को बढ़ाने को भी गैरकानूनी करार दिया था. डॉ. कफील खान की मां नुजहत परवीन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और जस्टिस एसडी सिंह की डिवीजन बेंच ने यह आदेश 1 सितंबर 2020 को दिया था. हाईकोर्ट ने अडॉ. कफील खान पर NSA के तहत की गई कार्रवाई को सही नहीं ठहराया था.

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर कफील अहमद खान‌ इंसेफेलाइटिस से पीड़ित बच्चों की ऑक्सीजन की कमी से मौतों के मामले में चर्चा में आए थे. इस मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था और उन्हें जेल भी जाना पड़ा था.

इसे भी पढ़ें- जेल में बिताया हर लम्हा दर्दनाक : डॉ कफील खान

प्रयागराज: गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कफील खान की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस याचिका में अलीगढ़ में दर्ज केस को समाप्त करने की मांग की गई है. डॉ. कफील की यह याचिका 16 मार्च 2021 को दाखिल की गई थी. इस याचिका पर पहली सुनवाई 23 मार्च को हो चुकी है. डॉ. कफील अहमद खान की याचिका पर जस्टिस विपिन चंद्र दीक्षित की एकल पीठ सुनवाई कर रही है.

बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के डॉ कफील खान की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है. याचिका में अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में चल रहे मुकदमे को चुनौती दी गई है. इस पर अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी. इस याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति वी सी दीक्षित कर रहे हैं. मेडिकल कॉलेज से डॉ कफील के निलंबन के खिलाफ दाखिल दूसरी याचिका की सुनवाई 23 जुलाईको होगी. इसकी सुनवाई न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र कर रहे हैं.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए और एनआरसी लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन में डॉ. कफील शामिल हुए थे. ‌उन पर अलीगढ़ प्रशासन ने सीएए और एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया था. इस मामले में डॉ. कफील अहमद खान के खिलाफ अलीगढ़ में FIR दर्ज हुई थी. इसके बाद डीएम अलीगढ़ ने 13 फरवरी 2020 को डॉ. कफील के खिलाफ NSA के तहत भी कार्रवाई की थी और उन पर जेल में ही रासुका तामील कराया गया था. इसके साथ ही डीएम ने दो बार NSA की अवधि को बढ़ाया था, जिसे डॉक्टर कफील ने याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी.

हाईकोर्ट ने दी थी जमानत
हाईकोर्ट ने डॉ. कफील खान के उपर लगाए गए NSA को अवैध करार देते हुए, उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने दो बार रासुका की अवधि को बढ़ाने को भी गैरकानूनी करार दिया था. डॉ. कफील खान की मां नुजहत परवीन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और जस्टिस एसडी सिंह की डिवीजन बेंच ने यह आदेश 1 सितंबर 2020 को दिया था. हाईकोर्ट ने अडॉ. कफील खान पर NSA के तहत की गई कार्रवाई को सही नहीं ठहराया था.

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर कफील अहमद खान‌ इंसेफेलाइटिस से पीड़ित बच्चों की ऑक्सीजन की कमी से मौतों के मामले में चर्चा में आए थे. इस मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था और उन्हें जेल भी जाना पड़ा था.

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