प्रयागराज: बिजली संकट से जूझ रहे उत्तर प्रदेश में उत्तर मध्य रेलवे ने पिछले वित्तीय वर्ष में विद्युत बचत का एक रिकॉर्ड बनाया है. उत्तर मध्य रेलवे के मुताबिक, एनसीआर ने वर्ष 2021 -22 में 5 करोड़ रुपए की राजस्व की बिजली की बचत की है. आइए जानते है कि एनसीआर ने ये काम कैसे किया...
एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश में बिजली संकट को लेकर सरकार गंभीर है, तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर मध्य रेलवे ने सौर ऊर्जा के जरिए बिजली उत्पादन और बचत में नया कीर्तिमान हासिल किया है. रेलवे ने 5 करोड़ से अधिक की बिजली बचत की है. साथ ही, इस साल 2021-22 में सौर ऊर्जा से 124 लाख यूनिट बिजली उत्पादन किया है, जो एक नया कीर्तिमान है. यह न केवल पर्यावरण संरक्षण की ओर एक बड़ा कदम है, बल्कि ऊर्जा के क्षेत्र में एक हरित स्त्रोत होने के कारण इससे राजस्व को भी लाभ हुआ है.
वर्तमान समय में उत्तर मध्य रेलवे की कुल स्थापित क्षमता 11.03 मेगावाट है. इससे स्टेशन भवन, कार्यशालाएं, ट्रेनिंग विद्यालय, महाप्रबंधक कार्यालय और मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय भवन आदि प्रमुख स्थानों पर सोलर प्लांट लगाए गए हैं. उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ डॉ. शिवम शर्मा कहना है कि जिस तरह से नेशनल लेवल पर सोशल इनीशिएटिव एडॉप्ट किया गया है. उसी तरह से उत्तर मध्य रेलवे ने सोलर मिशन एनसीआर को अडॉप्ट किया था और हम लोग ज्यादा से ज्यादा सोलर एनर्जी जनरेट करने के लिए प्रतिबंध है.
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उन्होंने आगे बताया कि इसी क्रम में पूरे एनसीआर में 11.03 मेगा वाल्ट पीक के सोलर प्लांट इनस्टॉल किये है, जिसमें अलीगढ़, प्रयागराज, आगरा, टूंडला, कानपुर, झांसी, मथुरा इन सब स्टेशन पर प्लांट है. इसके साथ ही, ऑफिस, बिल्डिंग, रनिंग रूम में भी प्लांट को इंस्टॉल किया गया है. हर साल सौर ऊर्जा से कई लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है. अगर बीते 2021-22 की बात करें तो 5 करोड़ से ज्यादा बिजली बचाने का कीर्तिमान भी एनसीआर रेलवे ने दर्ज किया है. पूरे साल 124 लाख यूनिट बिजली का सौर ऊर्जा के माध्यम से उत्पादन किया गया है.
महत्वपूर्ण बात यह है कि इस सौर ऊर्जा की वजह से उत्तर मध्य रेलवे ने पर्यावरण में कार्बन के उत्सर्जन की कमी में बड़ी कामयाबी दर्ज की है और उसने 10,500 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन को कम किया है. उत्तर मध्य रेलवे अगले साल इससे 1.5 मेगा वाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य और बढ़ा कर चल रहा है.
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