प्रयागराज: लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज पढ़ने का मामला अभी पूरी तरह से शांत भी नहीं हुआ था कि प्रयागराज जंक्शन के वेटिंग रूम में नमाज पढ़ने का नया विवाद खड़ा हो गया है. महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से नाबालिग लड़कों को लेकर जा रहे मौलाना को प्रयागराज में जीआरपी ने स्टेशन पर उतरवाया.
दरअसल, जीआरपी और आरपीएफ को शिकायत मिली थी कि महानंदा एक्सप्रेस से बच्चों को बाल मजदूरी करवाने के लिए ले जाया जा रहा है. जिसके बाद जीआरपी ने ट्रेन के जंक्शन पर पहुंचते ही जनरल बोगी से इन बच्चों और मौलाना को उतारकर जनरल वेटिंग रूम में लाया गया. जहां पर नमाज का वक्त होते ही मौलाना और उसके मौजूद बच्चे मिलकर नमाज पढ़ने लगे. इन लोगों ने उसी वेटिंग रूम के अंदर एक दो नहीं बल्कि दिन भर में 3 बार नमाज अदा की. गौरतलब है कि इन बच्चों को मौलाना बिहार के खगड़िया और सहरसा जिले से अपने साथ फतेहपुर के मदरसे में ले जा रहा था.
मौलाना का कहना है कि उन्हें जबरन रोक कर रखा गया, जिसके चलते उन्होंने जनरल वेटिंग रूम में ही नमाज पढ़ी. वहीं, वेटिंग रूम में बाल कल्याण समिति के लोगों ने पहुंचकर बच्चों से बात की. जहां बाल कल्याण समिति के लोग बच्चों को अपने साथ ले जाएंगे और उनके परिवार वालों के आने पर ही उन्हें सुपुर्द करेंगे. बताया जा रहा है कि इनमें से 6 बच्चों को दिल्ली मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था.
वहीं, इस बारे में रेलवे के सीपीआरओ शिवम शर्मा का कहना है कि मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए समय-समय पर ट्रेनों में सघन चेकिंग अभियान चलाया जाता है. इसी के तहत कल 21 बच्चो को मानव तस्करी के शक में ट्रेन से उतार कर वेटिंग रूम में रोका गया था. नमाज़ पढ़ने की जो बात सामने आई है उस पर जीआरपी जांच कर रही है. जांच पूरी होने पर कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल बच्चों को चाइल्ड लाइन भेज दिया गया है.
वहीं, एसपी जीआरपी सिद्धार्थ शंकर मीणा का कहना है की पूरे मामले की जांच जीआरपी के साथ ही आरपीएफ और रेलवे के अफसर मिलकर करेंगे. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे जरूरी कार्रवाई की जाएगी. पता लगाया जा रहा है कि किस वजह से सभी को स्टेशन पर उतारा गया.
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