प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी स्थित विश्वेश्वरनाथ मंदिर-मस्जिद विवाद पर दाखिल मुस्लिम पक्ष की निगरानी याचिका पर बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी नहीं हों सकी. कोर्ट ने आगे कि बहस के लिए 21 अक्टूबर कि तारीख नियत की है. इस बीच हाईकोर्ट ने जिला जज वाराणसी को निर्देश दिया है कि इस मामले में दाखिल सिविल सूट का पूरा रिकॉर्ड हाईकोर्ट को भेजा जाए. मुस्लिम पक्ष कि ओर से वाराणसी के जिला जज के आदेश और क्षेत्राधिकार मुद्दे से जुड़े कागजात की फोटोकॉपी बुधवार को हाई कोर्ट में पेश कि गई है. याचिका पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की न्यायपीठ सुनवाई कर रही है.
निगरानीकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद फरमान अली नकवी ने पक्ष रखते हुए कहा कि जिला अदालत ने मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज कर दी, जबकि वरशिप एक्ट के तहत इस मामले कि सुनवाई नहीं हो सकती है. फरमान नकवी ने कोर्ट से कहा कि निगरानी याचिका पर निर्णय के लिए इस मामले में वाराणसी की कोर्ट में चल रहें सिविल सूट का पूरा रिकॉर्ड होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि अभी पूरा रिकॉर्ड नहीं आ पाया है. इस पर कोर्ट ने जिला जज वाराणसी को निर्देश दिया है कि वह 21 तारीख तक सिविल सिविल कोर्ट से संबंधित सभी रिकॉर्ड हाईकोर्ट भिजवा दें. इस मामले की सुनवाई अब 21 अक्टूबर को होगी.
वाराणसी जिला न्यायालय ने 12 सितंबर के आदेश से मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट में जिला जज वाराणसी के इस आदेश को चुनौती दी गई है. अंजुमन इंतजामिया कमेटी की ओर से दाखिल निगरानी याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम पक्ष की ओर से वाराणसी जिला न्यायालय में राखी सिंह सहित पांच महिलाओं के वाद की सुनवाई रोकने के लिए आपत्ति दाखिल की थी. मुस्लिम पक्ष की आपत्ति थी कि व्यवहार प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 के तहत वाद सुनवाई योग्य नहीं है. जिला जज ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज करते हुए वाद पर सुनवाई जारी रखी. निगरानी में जिला न्यायालय वाराणसी में चल रहे वाद को रोकने की मांग की गई है. कहा गया है कि प्लेसिस ऑफ वर्शिप एक्ट के अनुसार इस मामले की सुनवाई नहीं की जा सकती.