प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहुचर्चित राजेंद्र राय हत्याकांड में 16 वर्ष से सजा काट रहे मुख्तार अंसारी के शार्प शूटर अंगद राय उर्फ झूलन राय उर्फ फुलन और उमेश राय उर्फ गोरा राय को दोषमुक्त कर दिया. यह निर्णय न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने सत्र न्यायालय के निर्णय के खिलाफ दाखिल अपील को निस्तारित करते हुए सुनाया. सत्र न्यायालय ने इस हत्याकांड के आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि अपीलार्थी 16 साल से अधिक समय से जेल में हैं. एक बार उनके निहितार्थ के संबंध में संदेह पैदा हो जाने पर उन्हें दोषी ठहराना सुरक्षित नहीं होगा. कोर्ट ने अंगद राय व अन्य की अपील स्वीकार करते हुए सत्र न्यायालय का निर्णय और आदेश रद कर दिया.
मुख्तार अंसारी के शार्प शूटर अंगद राय और उमेश राय पर मुहम्मदाबाद थानाक्षेत्र में 27 जून 2005 की सुबह राजेंद्र राय की हत्या का आरोप लगा था. राजेंद्र राय के पिता कपिल देव राय ने तहरीर दी थी. इसे राजेंद्र के पुत्र राकेश कुमार राय ने लिखी थी. इसके अनुसार सांसद गाजीपुर अफजाल अंसारी व उनके छोटे भाई विधायक मुख्तार अंसारी राजेंद्र को अपने दल में शामिल करने का प्रयास कर रहे थे. घटना के लगभग 15 दिन पूर्व राजेंद्र को मुहम्मदाबाद में रोका गया था. कहा गया था कि वह भांवरकोल के पूर्व प्रमुख का पति है यदि वह कृष्णानंद राय का साथ छोड़कर उनकी पार्टी में शामिल हो जाता है तो उसे फायदा होगा. इससे उसका जीवन भी सुरक्षित रहेगा.
26/27 जून 2005 को अंसारी बंधु ने उमेश राय उर्फ गोरा राय सहित तीन अन्य लोगों के माध्यम से संदेश भिजवाया. वे राजेंद्र के घर आये और धमकी दी. राजेंद्र ने पिता को धमकी मिलने की बात बताई. पुलिस को धमकी की सूचना देने के लिए राजेंद्र पिता के साथ अगले दिन सुबह थाने जा रहे थे. इस दौरान साजिश के तहत ग्राम मठिया में उमेश राय उर्फ गोरा राय ने तीन अज्ञात व्यक्तियों के साथ रोककर दोनों को धमकाया. राजेंद्र खुद को बचाने के लिए भागे लेकिन आरोपियों ने उन्हें गोली मार दी थी.
यह भी पढ़ें : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों से पुरुष स्टाफ को हटाने के मामले में High Court ने जवाब किया तलब