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प्रयागराज: मंत्री उपेंद्र तिवारी समेत कई नेताओं को मिली जमानत

नौ साल पुराने मामले में प्रदेश सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी समेत कई नेताओं को एमपी /एमएलए विशेष कोर्ट ने जमानत दे दी है. यह मामला 2010 में बलिया थाने में दर्ज किया गया था.

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Published : Mar 28, 2019, 7:54 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद विशेष न्यायालय में कई नेताओं ने मुकदमे की सुनवाई को लेकर विशेष कोर्ट एमपी/एमएलए में सरेंडर किया था. प्रदेश सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी, विजय गुप्ता, रंगनाथ मिश्र, दिवेन्द्र यादव मुकदमे की सुनवाई को लेकर जज पवन कुमार तिवारी के सामने पेश हुए थे. मामला बलिया में प्रदर्शन करने के दौरान सरकारी कार्यों में बाधा डालने का था. विशेष न्यायाधीश ने जमानत अर्जी पर बहस सुनने के बाद बीस-बीस हजार रुपये की दो जमानत पर उन्हें रिहा करने का आदेश दे दिया.

यह था पूरा मामला

बता दें कि बलिया के थाना कोतवाली में 16 दिसंबर 2010 को यह रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि अभियुक्तों ने कुमारी सीमा गुप्ता पुत्री राम चन्द्र गुप्ता के अपहरण के मामले में जमकर हंगामा और विरोध प्रदर्शन किया. इसके साथ ही साथ सरकारी कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों पर अभद्रता कर सरकारी कार्यों में बाधा डालने का काम किया था. इसी मामले को लेकर मंत्री उपेंद्र तिवारी समेत कई अन्य नेता आरोपियों की पेशी एमपी/एमएलए कोर्ट में हुई और मामले की सुनवाई करने बाद जज पवन कुमार तिवारी ने जमानत मंजूर कर सभी को रिहा कर दिया.

पूर्व मंत्री उमा किरन की जमानत मंजूर

पूर्व मंत्री उमा किरन ने कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए एमपी/एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया. पूर्व मंत्री के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन करने की वजह से थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसकी सुनवाई को लेकर वह विशेष कोर्ट में पेश हुईं और कुछ देर न्यायिक हिरासत में भी रहीं. जिसके बाद मामले में विशेष जज पवन कुमार तिवारी ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए बीस-बीस हजार की दो जमानत अर्जी पेश करने पर उनकी रिहाई का आदेश दे दिया. पूर्व मंत्री का मामला मुज्जफरनगर के सिविल लाइन थाने का था. 25 जनवरी 2017 को यह मुकदमा दर्ज किया गया था कि अभियुक्त ने अचार संहिता का उल्लंघन कर प्रचार किया था.

प्रयागराज: इलाहाबाद विशेष न्यायालय में कई नेताओं ने मुकदमे की सुनवाई को लेकर विशेष कोर्ट एमपी/एमएलए में सरेंडर किया था. प्रदेश सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी, विजय गुप्ता, रंगनाथ मिश्र, दिवेन्द्र यादव मुकदमे की सुनवाई को लेकर जज पवन कुमार तिवारी के सामने पेश हुए थे. मामला बलिया में प्रदर्शन करने के दौरान सरकारी कार्यों में बाधा डालने का था. विशेष न्यायाधीश ने जमानत अर्जी पर बहस सुनने के बाद बीस-बीस हजार रुपये की दो जमानत पर उन्हें रिहा करने का आदेश दे दिया.

यह था पूरा मामला

बता दें कि बलिया के थाना कोतवाली में 16 दिसंबर 2010 को यह रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि अभियुक्तों ने कुमारी सीमा गुप्ता पुत्री राम चन्द्र गुप्ता के अपहरण के मामले में जमकर हंगामा और विरोध प्रदर्शन किया. इसके साथ ही साथ सरकारी कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों पर अभद्रता कर सरकारी कार्यों में बाधा डालने का काम किया था. इसी मामले को लेकर मंत्री उपेंद्र तिवारी समेत कई अन्य नेता आरोपियों की पेशी एमपी/एमएलए कोर्ट में हुई और मामले की सुनवाई करने बाद जज पवन कुमार तिवारी ने जमानत मंजूर कर सभी को रिहा कर दिया.

पूर्व मंत्री उमा किरन की जमानत मंजूर

पूर्व मंत्री उमा किरन ने कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए एमपी/एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया. पूर्व मंत्री के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन करने की वजह से थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसकी सुनवाई को लेकर वह विशेष कोर्ट में पेश हुईं और कुछ देर न्यायिक हिरासत में भी रहीं. जिसके बाद मामले में विशेष जज पवन कुमार तिवारी ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए बीस-बीस हजार की दो जमानत अर्जी पेश करने पर उनकी रिहाई का आदेश दे दिया. पूर्व मंत्री का मामला मुज्जफरनगर के सिविल लाइन थाने का था. 25 जनवरी 2017 को यह मुकदमा दर्ज किया गया था कि अभियुक्त ने अचार संहिता का उल्लंघन कर प्रचार किया था.

Intro:प्रयागराज: मंत्री उपेंद्र तिवारी समेत अन्य कई नेताओं की जमानत मंजूर

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(कोर्ट न्यूज़/विशेष न्यायालय)

प्रयागराज: इलाहाबाद विशेष न्यायालय में कई नेता मुकदमे की सुनवाई को लेकर विशेष कोर्ट एमपी/एमएलए में सिलेंडर किया. जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी, विजय गुप्ता, रंगनाथ मिश्र, दिवेन्द्र यादव ने मुकदमे की सुनवाई को लेकर जज पवन कुमार तिवारी के सामने पेश हुए. मामला बलिया में प्रदर्शन करने के दौरान सरकारी कार्यों में बाधा डालने की वहज से मुकदमा दर्ज किया गया था. विशेष न्यायाधीश ने जमानत अर्जी पर बहस सुनने के बाद बीस-बीस हजार रुपये की दो जमानत पेश करने से उन्हें रिहा करने का आदेश दिया.


Body:यह था पूरा मामला

बतदे कि बलिया के थाना कोतवाली में 16 दिसंबर 2010 को यह रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि अभियुक्तों ने कुमारी सीमा गुप्ता पुत्री राम चन्द्र गुप्ता के अपरहण के मामले में सभी अभियुक्त जमकर हंगामा और विरोध प्रदर्शन किया. इसके साथ ही साथ सरकारी कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों पर अभद्रता कर सरकारी कार्यों में बाधा डाला गया था. इसी मामले को लेकर मंत्री उपेंद्र तिवारी समेत कई अन्य नेता आरोपियों की पेशी एमपी/एमएलए कोर्ट में हुई और मामले की सुनवाई करने बाद जज पवन कुमार तिवारी ने जमानत मंजूर कर रिहा कर दिया.


Conclusion:पूर्व मंत्री उमा किरन की जमानत मंजूर

पूर्व मंत्री उमा किरन ने कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए एमपी/एमएलए कोर्ट में सिलेंडर किया. पूर्व मंत्री के खिलाफ आचार्य संहिता के उलंघन करने की वजह से थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसके सुनवाई को को लेकर विशेष कोर्ट में पेश हुई और कुछ देर न्यायिक हिरासत लिया. कुछ देर बाद मामले में विशेष जज पवन कुमार तिवारी ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए बीस-बीस की दो जमानत अर्जी पेश करने पर उनकी रिहाई के आदेश दिया. पूर्व मंत्री का मामला मुज्जफरनगर के सिविल लाइन थाने का था. 25 जनवरी 2017 को यह मुकदमा दर्ज किया गया था कि अभियुक्त ने अचार संहिता का उलंघन कर प्रचार-प्रचार किया.

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