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कोरोना के नए स्ट्रेन से बढ़ सकते हैं दवाइयों के दाम, मरीज होंगे परेशान

देश में कोरोना का वायरस का प्रकोप बना हुआ है. कोरोना के नए स्ट्रेन ने लोगों में अधिक डर पैदा कर दिया है. अब इसका असर दवाओं पर भी देखने को मिल रहा है. दवा व्यवसायियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में दवाइयों के दाम बढ़ने से आम लोगों पर इसका सीधा असर पड़ेगा.

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Published : Jan 4, 2021, 3:28 PM IST

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बढ़ सकते हैं दवाइयों के दाम

प्रयागराज: देश में कोरोना से बचाने वाली वैक्सीन का इंतजार समाप्त हो चुका है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही विश्व में कोरोना का नया स्ट्रेन सामने आ चुका है. ब्रिटेन में पहचाने गए कोरोना के नए स्ट्रेन के चलते कई देशों ने वहां की विमान सेवा बंद कर दी है. इसका सीधा असर दवाई बाजार पर पड़ने लगा है. इस नए स्ट्रेन की वजह से दवाइयों के दाम भी बढ़ सकते हैं. दवा व्यवसायियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में दवाइयों के दाम बढ़ने से आम लोगों को अब अपनी जेब ढीली करनी होगी.

बढ़ सकते हैं दवाइयों के दाम

दवा व्यवसायी चिंतित
प्रयागराज में दवा व्यवसायी चिंतित हैं. उनका कहना है कि नए साल की शुरुआत में ही दवाइयों की आपूर्ति बाधित हो गई है. ऐसे में दवाइयों के दाम बढ़ने से दवा व्यवसायियों को चिंता हो रही है. दवा का बाजार ऑफ सीजन चल रहा है और बाजार में पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ है. नए साल से दवाइयों के दाम में बढ़ोतरी होने से मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में रॉ मटेरियल की आपूर्ति बाधित
इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल दुबे ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खींचतान चल रही है. इसके कारण रॉ मेटेरियल की आपूर्ति बाधित हो गई है. कोरोना के नए स्ट्रेन के कारण बाहर के देशों की सीमाओं पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में बाहर से पीवीसी के रेट काफी हद तक बढ़ गए हैं. पीवीसी से कैप्सूल दवाइयों के कैप और स्ट्रिप तैयार किए जाते हैं. ऐसे में दवाइयों की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट खुद-ब-खुद बढ़ जाएगी.

आपूर्ति नहीं होने से दवाओं की किल्लत बढ़ेगी
दवा बाजार में ऑफ सीजन है. कोरोना काल में कुछ दवाओं को छोड़कर आपूर्ति सामान्य और स्टॉक भरपूर रहा. वर्तमान में भी बाजार में पर्याप्त स्टॉक है. दुकानदारों का कहना है कि कंपनियां पहले के ऑर्डर पर दवाओं की आपूर्ति नहीं कर रही हैं. इससे स्पष्ट है कि यदि दवाओं की आपूर्ति सामान्य नहीं हुई तो दवाओं की किल्लत हो सकती है. फिलहाल दवा कंपनियां पुराने ऑर्डर के मुताबिक दवाओं की आपूर्ति करने में आनाकानी कर रही हैं.

एसोसिएशन के सचिव ने दी जानकारी
इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सचिव परमजीत सिंह ने कहा कि यदि दवाइयों की आपूर्ति समय पर नहीं हुई तो प्रयागराज में इसका बहुत असर पड़ेगा. देश के साथ प्रयागराज के बाजारों में दवाओं के दामों में बढ़ोतरी दिखेगी. प्रयागराज की दवा की दुकानों से नीमोस्लाइड और एजीथ्रोमासिन 500 इस गायब होने लगी है. ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


जेनेरिक दवाओं पर भी पड़ेगा असर
परमजीत सिंह ने बताया कि जेनेरिक कंपनी की परचेजिंग पावर कम होती है. इनके पास रॉ मैटेरियल कम होता है. इसीलिए सबसे ज्यादा फर्क इन्हीं पर पड़ता है. मिडिल क्लास लोग ज्यादातर जेनेरिक दवा का उपयोग करते हैं, क्योंकि यह सस्ती होती है. हमारे पास दवा का स्टाक भरपूर है. खरीदारों को पुराने रेट पर ही दवा दी जा रही है. लेकिन दवा कंपनी हमें बढ़े हुए रेट में दवाएं दे रही है. फिलहाल नया स्टॉक आने परप्रयागराज में दवाओं के दामों में 20 से 25 फीसदी की वृद्धि होगी.

प्रयागराज: देश में कोरोना से बचाने वाली वैक्सीन का इंतजार समाप्त हो चुका है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही विश्व में कोरोना का नया स्ट्रेन सामने आ चुका है. ब्रिटेन में पहचाने गए कोरोना के नए स्ट्रेन के चलते कई देशों ने वहां की विमान सेवा बंद कर दी है. इसका सीधा असर दवाई बाजार पर पड़ने लगा है. इस नए स्ट्रेन की वजह से दवाइयों के दाम भी बढ़ सकते हैं. दवा व्यवसायियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में दवाइयों के दाम बढ़ने से आम लोगों को अब अपनी जेब ढीली करनी होगी.

बढ़ सकते हैं दवाइयों के दाम

दवा व्यवसायी चिंतित
प्रयागराज में दवा व्यवसायी चिंतित हैं. उनका कहना है कि नए साल की शुरुआत में ही दवाइयों की आपूर्ति बाधित हो गई है. ऐसे में दवाइयों के दाम बढ़ने से दवा व्यवसायियों को चिंता हो रही है. दवा का बाजार ऑफ सीजन चल रहा है और बाजार में पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ है. नए साल से दवाइयों के दाम में बढ़ोतरी होने से मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में रॉ मटेरियल की आपूर्ति बाधित
इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल दुबे ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खींचतान चल रही है. इसके कारण रॉ मेटेरियल की आपूर्ति बाधित हो गई है. कोरोना के नए स्ट्रेन के कारण बाहर के देशों की सीमाओं पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में बाहर से पीवीसी के रेट काफी हद तक बढ़ गए हैं. पीवीसी से कैप्सूल दवाइयों के कैप और स्ट्रिप तैयार किए जाते हैं. ऐसे में दवाइयों की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट खुद-ब-खुद बढ़ जाएगी.

आपूर्ति नहीं होने से दवाओं की किल्लत बढ़ेगी
दवा बाजार में ऑफ सीजन है. कोरोना काल में कुछ दवाओं को छोड़कर आपूर्ति सामान्य और स्टॉक भरपूर रहा. वर्तमान में भी बाजार में पर्याप्त स्टॉक है. दुकानदारों का कहना है कि कंपनियां पहले के ऑर्डर पर दवाओं की आपूर्ति नहीं कर रही हैं. इससे स्पष्ट है कि यदि दवाओं की आपूर्ति सामान्य नहीं हुई तो दवाओं की किल्लत हो सकती है. फिलहाल दवा कंपनियां पुराने ऑर्डर के मुताबिक दवाओं की आपूर्ति करने में आनाकानी कर रही हैं.

एसोसिएशन के सचिव ने दी जानकारी
इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सचिव परमजीत सिंह ने कहा कि यदि दवाइयों की आपूर्ति समय पर नहीं हुई तो प्रयागराज में इसका बहुत असर पड़ेगा. देश के साथ प्रयागराज के बाजारों में दवाओं के दामों में बढ़ोतरी दिखेगी. प्रयागराज की दवा की दुकानों से नीमोस्लाइड और एजीथ्रोमासिन 500 इस गायब होने लगी है. ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


जेनेरिक दवाओं पर भी पड़ेगा असर
परमजीत सिंह ने बताया कि जेनेरिक कंपनी की परचेजिंग पावर कम होती है. इनके पास रॉ मैटेरियल कम होता है. इसीलिए सबसे ज्यादा फर्क इन्हीं पर पड़ता है. मिडिल क्लास लोग ज्यादातर जेनेरिक दवा का उपयोग करते हैं, क्योंकि यह सस्ती होती है. हमारे पास दवा का स्टाक भरपूर है. खरीदारों को पुराने रेट पर ही दवा दी जा रही है. लेकिन दवा कंपनी हमें बढ़े हुए रेट में दवाएं दे रही है. फिलहाल नया स्टॉक आने परप्रयागराज में दवाओं के दामों में 20 से 25 फीसदी की वृद्धि होगी.

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