प्रयागराज: पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी के विवादित बयान से नाराज मौनी महाराज ने माघ मेले में अनशन शुरू कर दिया है. मौनी महाराज ने ममता बनर्जी की पार्टी के सांसद की संसद से सदस्यता खत्म करने की मांग राष्ट्रपति से की है. इसके साथ ही मोदी सरकार से मांग की है कि ऐसा कानून लेकर आएं कि हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक बयान देने वालों को सबक मिले.
पीएम से कानून बनाने की मांग
मौनी बाबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि एक ऐसा कानून बनाएं जिससे कि हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का सिलसिला हमेशा के लिए बंद हो जाए. क्योंकि आए दिन कुछ लोग अपने लाभ के लिए देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते रहते हैं. इसलिए वर्तमान सरकार धार्मिक आस्था को ठेस पहुँचाने वाला बयान देने वालों में खिलाफ सख्त कानून बनाए. जिससे कि लोग सनातन धर्म को बदनाम करने और देवी-देवताओं का अपमान करने वाला कोई भी बयान देने से पहले दस बार सोच विचार करें. आजकल थोड़े से हित या चर्चा पाकर मशहूर होने के लिए लोग सनातन धर्म और देवी-देवताओं के खिलाफ अभद्र व अमर्यादित बयानबाजी करने से नहीं चूकते हैं.
तीर्थ पुरोहितों का मिला समर्थन
प्रयागराज में तीर्थ पुरोहितों की सबसे बड़ी संस्था प्रयागवाल सभा ने भी टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के अभद्र भाषण का विरोध किया है. प्रयागवाल सभा के पदाधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के टीएमसी सांसद के खिलाफ कार्रवाई नहीं कि गई तो आने वाले दिनों में माघ मेला शुरू होने पर बड़ा आंदोलन किया जायेगा. तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि किसी को भी जगत जननी माता सीता के बारे में गलत बयानबाजी करने का अधिकार नहीं है.माता सीता को अपमानित करने वाले सांसद के खिलाफ संवैधानिक तरीके से तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए.
ममता बनर्जी की चुप्पी शर्मनाक
माघ मेला में संगम तट के पास बने शिविर में मौनी बाबा के साथ ही कुछ उनके भक्त भी अनशन में बैठे हुए हैं. मोनी बाबा का कहना है कि ममता बनर्जी खुद एक महिला हैं और उनकी पार्टी के सांसद ने जगत जननी माता सीता को लेकर इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी की है उसके बावजूद सांसद के खिलाफ कोई कार्यवाही न करना शर्मनाक है.