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महंत आनंद गिरी को अपने बचाव में साक्ष्य जमा करने का कोर्ट ने दिया अंतिम मौका

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी को कोर्ट ने आरोप तय करने से पहले अपने बचाव में दस्तावेज और साक्ष्य जमा करने का अंतिम मौका दिया है.

महंत नरेंद्र गिरी
महंत नरेंद्र गिरी
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Published : Nov 17, 2022, 7:20 AM IST

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद आनंद गिरी की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही हैं. महंत की मौत के बाद गिरफ्तार किए गए आनंद गिरी को जिला अदालत ने आरोप तय करने से पहले अपने बचाव में दस्तावेज और साक्ष्य जमा करने का अंतिम मौका दिया है.

कोर्ट ने साक्ष्य और दस्तावेज न दे पाने पर उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए 23 नवम्बर की तारीख तय कर दी है. जबकि कोर्ट में आनंद गिरी के वकीलों ने तर्क दिया कि वो इस केस की सुनवाई प्रदेश के बाहर एमपी के जबलपुर में कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल किए हुए हैं. इसलिए जब तक सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर सुनवाई न हो जाए, तब तक के लिए जिला अदालत में आरोप तय न किया जाए. लेकिन, कोर्ट ने आनंद गिरी को अपने ऊपर लगे आरोप तय होने से बचाने के लिए साक्ष्य और दस्तावेज कोर्ट में पेश करने का अंतिम मौका दिया है. 23 नवम्बर को आनंद गिरी की तरफ से दस्तावेज नहीं पेश किए गए तो कोर्ट आरोप तय करने की अपनी कार्यवाही को आगे बढ़ाएगा.

यह भी पढ़ें: पूर्व बीजेपी विधायक विक्रम सैनी की सजा के खिलाफ अपील में संशोधन का निर्देश

वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आनंद गिरी को साफ तौर पर बता दिया है कि उनकी तरफ से बचाव के लिए साक्ष्य और दस्तावेज 23 नवम्बर तक कोर्ट में पेश नहीं किए जाते हैं तो कोर्ट अपनी कार्यवाही को आगे बढ़ाएगी. इस मामले में सीबीआई और सरकार के वकील का कहना है कि बुधवार को कोर्ट में आनंद गिरी के खिलाफ आरोप तय होने थे. उनके पास अपने बचाव के लिए कुछ नहीं है, जिस वजह से आरोपी जान बूझकर मामले को लटकाने का प्रयास कर रहे हैं. इसी वजह से सरकारी वकीलों ने कोर्ट में आनंद गिरी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई विशेष याचिका पर फैसले से पहले ही आरोप तय करने की कार्यवाही को आगे बढ़ाना चाहते हैं, जिससे उनका केस ज्यादा मजबूत हो जाए. इस बात की अहमियत को जानते हुए ही आनंद गिरी के वकीलों ने मजबूती के साथ अपना पक्ष भी रखा. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें अंतिम अवसर के रूप में 23 नवम्बर तक की मोहलत दे दी है.

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद आनंद गिरी की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही हैं. महंत की मौत के बाद गिरफ्तार किए गए आनंद गिरी को जिला अदालत ने आरोप तय करने से पहले अपने बचाव में दस्तावेज और साक्ष्य जमा करने का अंतिम मौका दिया है.

कोर्ट ने साक्ष्य और दस्तावेज न दे पाने पर उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए 23 नवम्बर की तारीख तय कर दी है. जबकि कोर्ट में आनंद गिरी के वकीलों ने तर्क दिया कि वो इस केस की सुनवाई प्रदेश के बाहर एमपी के जबलपुर में कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल किए हुए हैं. इसलिए जब तक सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर सुनवाई न हो जाए, तब तक के लिए जिला अदालत में आरोप तय न किया जाए. लेकिन, कोर्ट ने आनंद गिरी को अपने ऊपर लगे आरोप तय होने से बचाने के लिए साक्ष्य और दस्तावेज कोर्ट में पेश करने का अंतिम मौका दिया है. 23 नवम्बर को आनंद गिरी की तरफ से दस्तावेज नहीं पेश किए गए तो कोर्ट आरोप तय करने की अपनी कार्यवाही को आगे बढ़ाएगा.

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आनंद गिरी को साफ तौर पर बता दिया है कि उनकी तरफ से बचाव के लिए साक्ष्य और दस्तावेज 23 नवम्बर तक कोर्ट में पेश नहीं किए जाते हैं तो कोर्ट अपनी कार्यवाही को आगे बढ़ाएगी. इस मामले में सीबीआई और सरकार के वकील का कहना है कि बुधवार को कोर्ट में आनंद गिरी के खिलाफ आरोप तय होने थे. उनके पास अपने बचाव के लिए कुछ नहीं है, जिस वजह से आरोपी जान बूझकर मामले को लटकाने का प्रयास कर रहे हैं. इसी वजह से सरकारी वकीलों ने कोर्ट में आनंद गिरी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई विशेष याचिका पर फैसले से पहले ही आरोप तय करने की कार्यवाही को आगे बढ़ाना चाहते हैं, जिससे उनका केस ज्यादा मजबूत हो जाए. इस बात की अहमियत को जानते हुए ही आनंद गिरी के वकीलों ने मजबूती के साथ अपना पक्ष भी रखा. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें अंतिम अवसर के रूप में 23 नवम्बर तक की मोहलत दे दी है.

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