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प्रयागराज में संगम तट स्थित लेटे हुए हनुमान जी के प्राचीन मंदिर में मनाया गया हनुमान जन्मोत्सव

प्रयागराज में भगवान हनुमान जी का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान संगम तट पर लेटे हुए हनुमाम जी को भक्तों ने एक विशाल मुकुट पहनाया.

मंदिर के महंत बलवीर गिरी
मंदिर के महंत बलवीर गिरी
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Published : Apr 6, 2023, 10:41 PM IST

व्यापारी नेता और मंदिर के महंत बलवीर गिरी ने कहा.

प्रयागराज: चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर संकट मोचक हनुमान जी का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया. संगम तट स्थित प्राचीन लेटे हुए हनुमान मंदिर में लोगों ने भगवान का दर्शन पूजन किया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने हनुमान जी के लिए एक विशाल मुकुट को तैयार किया था. उस मुकुट को हनुमान जी को पहनाया गया.

बता दें कि इस मुकुट को व्यापारी नेता राजेश चौरसिया के नेतृत्व में कुशल कारीगरों द्वारा तैयार किया गया था. इस मुकुट को बनाने में 3 दिन का समय लगा. इसके बाद इस मुकुट को जन्मोत्सव पर लेटे हुए हनुमान जी को पहनाया गया. उन्होंने बताया कि ऐसी मान्यता है कि इस प्राचीन हनुमान जी के मंदिर में जो भी मत्था टेकने आता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. वैसे तो यह सिलसिला रोजाना देखने को मिलता है. लेकिन जन्मोत्सव में इसका महत्व और बढ़ जाता है.

मंदिर के महंत बलवीर गिरी ने बताया कि सुबह हनुमान जी का दूध से अभिषेक किया गया. उसके बाद फल मेवा कई प्रकार के प्रसाद भगवान को अर्पित किए गए. महंत ने बताया कि इस बार से लगभग 12 किलो चांदी का रामदरबार भी श्रद्धालुओं को लेटे हुए हनुमान मंदिर में दर्शनार्थ स्थापित किए गए. श्रद्धालुओं को हनुमान जी के जन्मोत्सव का बेसब्री से इंतजार रहता है. श्री राम नाम का जप, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करने वालों को दैहिक, दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. इस मौके पर शाम की भव्य शृंगार भी किया गया. महंत ने बताया कि इस महा आरती में शामिल लोगों की सभी कामनाएं हनुमान जी ने पूरी की हैं.

यह भी पढ़ें- नगर निगम प्रशासन की लापरवाही, बैकुंठ धाम में महंगे दामों में मिल रही लकड़ी, पार्षद धरने पर बैठे

व्यापारी नेता और मंदिर के महंत बलवीर गिरी ने कहा.

प्रयागराज: चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर संकट मोचक हनुमान जी का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया. संगम तट स्थित प्राचीन लेटे हुए हनुमान मंदिर में लोगों ने भगवान का दर्शन पूजन किया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने हनुमान जी के लिए एक विशाल मुकुट को तैयार किया था. उस मुकुट को हनुमान जी को पहनाया गया.

बता दें कि इस मुकुट को व्यापारी नेता राजेश चौरसिया के नेतृत्व में कुशल कारीगरों द्वारा तैयार किया गया था. इस मुकुट को बनाने में 3 दिन का समय लगा. इसके बाद इस मुकुट को जन्मोत्सव पर लेटे हुए हनुमान जी को पहनाया गया. उन्होंने बताया कि ऐसी मान्यता है कि इस प्राचीन हनुमान जी के मंदिर में जो भी मत्था टेकने आता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. वैसे तो यह सिलसिला रोजाना देखने को मिलता है. लेकिन जन्मोत्सव में इसका महत्व और बढ़ जाता है.

मंदिर के महंत बलवीर गिरी ने बताया कि सुबह हनुमान जी का दूध से अभिषेक किया गया. उसके बाद फल मेवा कई प्रकार के प्रसाद भगवान को अर्पित किए गए. महंत ने बताया कि इस बार से लगभग 12 किलो चांदी का रामदरबार भी श्रद्धालुओं को लेटे हुए हनुमान मंदिर में दर्शनार्थ स्थापित किए गए. श्रद्धालुओं को हनुमान जी के जन्मोत्सव का बेसब्री से इंतजार रहता है. श्री राम नाम का जप, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करने वालों को दैहिक, दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. इस मौके पर शाम की भव्य शृंगार भी किया गया. महंत ने बताया कि इस महा आरती में शामिल लोगों की सभी कामनाएं हनुमान जी ने पूरी की हैं.

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