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संत समाज के गले नहीं उतर रही नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट की थ्योरी, महामंडलेश्वर कैलाशानंद ने जाहिर की शंकाएं

महंत नरेंद्र गिरि के संदिग्ध मौत और सुसाइड नोट के मामले में सीबीआई की जांच से सारी हकीकत सामने आ जाएगी. ईटीवी भारत से खास बातचीत में पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज ने फिर एक बार सुसाइड और सुसाइड नोट पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

सुसाइड नोट पर सवाल?
सुसाइड नोट पर सवाल?
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Published : Sep 23, 2021, 5:51 PM IST

प्रयागराजः पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज ने ईटीवी भारत की टीम से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने महंत नरेंद्र गिरि की सुसाइड और उनके सुसाइड नोट पर कई सवाल खड़े किए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी खुद इस मामले की सच्चाई सामने लाना चाहते हैं. जिसकी वजह से उन्होंने सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी है. गृहमंत्री निश्चित ही पूरे मामले की सीबीआई जांच करवाएंगे. जिसके बाद पूरे मामले की सच्चाई सामने आ जाएगी.

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज ने साफ कहा है कि वो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि को सालों से जानते थे. उनके अनुसार वो नरेंद्र गिरि को जितना जानते थे उसके मुताबिक नरेंद्र गिरि को सिर्फ एक ही श्लोक याद था, जिसे वो हमेशा बोलते थे. उनके मुताबिक अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष होने के नाते वो जितना भी पत्र जारी करते थे. वो सब भी अपने शिष्यों से ही लिखवाकर जारी करते थे. जिसमें उनके सिर्फ दस्तखत रहते थे. ऐसे में आचार्य महामंडलेश्वर ने उस सुसाइड नोट को एक बार फिर संदिग्ध बताते हुए फर्जी करार दिया है. यही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि अगर ये सुसाइड नोट महंत नरेंद्र गिरि के द्वारा जांच में सही पाया जाता है, तो ये उनके जीवन का पहला और आखिरी पत्र साबित होगा. क्योंकि इससे पहले कभी महंत नरेंद्र गिरि ने इतना लंबा चौड़ा कोई भी पत्र नहीं लिखा होगा.

गले नहीं उतर रही नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट की थ्योरी

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने यह बात भी कही है कि महंत नरेंद्र गिरि की पढ़ाई कहां तक हुई थी. सीबीआई ही जांच करके अब इस बात का भी खुलासा करेगी. कैलाशानंद महाराज ने दोहराया कि उनकी जहां तक जानकारी है महंत नरेंद्र गिरी ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे. लेकिन अब जिस तरह से उनके पढ़े-लिखे होने का दावा किया जा रहा है, उसको लेकर भी उन्होंने सवाल खड़े किए. उनका कहना है कि सीबीआई जांच में इस बात का भी खुलासा होगा कि आखिर नरेंद्र गिरी ने कहां तक पढ़ाई की थी. उनकी जो डिग्री सर्टिफिकेट इस समय मीडिया के सामने लाया जा रहा है. उसकी सच्चाई भी सीबीआई ही सामने लाएगी.

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज ने यह भी दावा किया कि नरेंद्र गिरी का ऐसा कोई वीडियो नहीं हो सकता है. जिसके बदले उन्हें इतना मजबूर कर दिया जाए कि वह आत्महत्या जैसा कदम उठाएं. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि नरेंद्र गिरी को वह बहुत करीब से जानते थे. उनको पूरा भरोसा है कि नरेंद्र गिरी का ऐसा चरित्र नहीं था कि उनका कोई ऐसा वीडियो बना ले. जिसके नाम पर उन्हें ब्लैकमेल कर इस तरह दबाव में डाला जाए कि वह जान देने के लिए मजबूर हो जाएं.

इसे भी पढ़ें- Mahant Narendra Giri Death case: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद 16 दिनों तक करेगा गुप्त जांच

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर ने यह भी कहा कि महंत नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी कौन होगा. इसको लेकर फिलहाल कोई विवाद नहीं है. अभी उनके द्वारा बताए जा रहे सुसाइड नोट की जांच होगी. जांच में अगर सुसाइड नोट सही साबित होता है, तो उसी के अनुसार उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है. लेकिन अगर जांच सुसाइड नोट फर्जी निकलता है, तो उत्तराधिकारी किसे बनाया जाएगा. इसका फैसला अखाड़े के अंदर का अपना विवाद है. जिसे निरंजनी अखाड़ा के पंच परमेश्वर खुद ही निपटा लेंगे.

प्रयागराजः पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज ने ईटीवी भारत की टीम से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने महंत नरेंद्र गिरि की सुसाइड और उनके सुसाइड नोट पर कई सवाल खड़े किए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी खुद इस मामले की सच्चाई सामने लाना चाहते हैं. जिसकी वजह से उन्होंने सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी है. गृहमंत्री निश्चित ही पूरे मामले की सीबीआई जांच करवाएंगे. जिसके बाद पूरे मामले की सच्चाई सामने आ जाएगी.

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज ने साफ कहा है कि वो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि को सालों से जानते थे. उनके अनुसार वो नरेंद्र गिरि को जितना जानते थे उसके मुताबिक नरेंद्र गिरि को सिर्फ एक ही श्लोक याद था, जिसे वो हमेशा बोलते थे. उनके मुताबिक अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष होने के नाते वो जितना भी पत्र जारी करते थे. वो सब भी अपने शिष्यों से ही लिखवाकर जारी करते थे. जिसमें उनके सिर्फ दस्तखत रहते थे. ऐसे में आचार्य महामंडलेश्वर ने उस सुसाइड नोट को एक बार फिर संदिग्ध बताते हुए फर्जी करार दिया है. यही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि अगर ये सुसाइड नोट महंत नरेंद्र गिरि के द्वारा जांच में सही पाया जाता है, तो ये उनके जीवन का पहला और आखिरी पत्र साबित होगा. क्योंकि इससे पहले कभी महंत नरेंद्र गिरि ने इतना लंबा चौड़ा कोई भी पत्र नहीं लिखा होगा.

गले नहीं उतर रही नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट की थ्योरी

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने यह बात भी कही है कि महंत नरेंद्र गिरि की पढ़ाई कहां तक हुई थी. सीबीआई ही जांच करके अब इस बात का भी खुलासा करेगी. कैलाशानंद महाराज ने दोहराया कि उनकी जहां तक जानकारी है महंत नरेंद्र गिरी ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे. लेकिन अब जिस तरह से उनके पढ़े-लिखे होने का दावा किया जा रहा है, उसको लेकर भी उन्होंने सवाल खड़े किए. उनका कहना है कि सीबीआई जांच में इस बात का भी खुलासा होगा कि आखिर नरेंद्र गिरी ने कहां तक पढ़ाई की थी. उनकी जो डिग्री सर्टिफिकेट इस समय मीडिया के सामने लाया जा रहा है. उसकी सच्चाई भी सीबीआई ही सामने लाएगी.

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज ने यह भी दावा किया कि नरेंद्र गिरी का ऐसा कोई वीडियो नहीं हो सकता है. जिसके बदले उन्हें इतना मजबूर कर दिया जाए कि वह आत्महत्या जैसा कदम उठाएं. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि नरेंद्र गिरी को वह बहुत करीब से जानते थे. उनको पूरा भरोसा है कि नरेंद्र गिरी का ऐसा चरित्र नहीं था कि उनका कोई ऐसा वीडियो बना ले. जिसके नाम पर उन्हें ब्लैकमेल कर इस तरह दबाव में डाला जाए कि वह जान देने के लिए मजबूर हो जाएं.

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निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर ने यह भी कहा कि महंत नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी कौन होगा. इसको लेकर फिलहाल कोई विवाद नहीं है. अभी उनके द्वारा बताए जा रहे सुसाइड नोट की जांच होगी. जांच में अगर सुसाइड नोट सही साबित होता है, तो उसी के अनुसार उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है. लेकिन अगर जांच सुसाइड नोट फर्जी निकलता है, तो उत्तराधिकारी किसे बनाया जाएगा. इसका फैसला अखाड़े के अंदर का अपना विवाद है. जिसे निरंजनी अखाड़ा के पंच परमेश्वर खुद ही निपटा लेंगे.

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