प्रयागराज: कोरोना काल में इस बार प्रयागराज की ऐतिहासिक रामलीला की रौनक गायब है. शहर के दारागंज रामलीला कमेटी ने परंपरा को बनाए रखने के लिए रामलीला का मंचल किया, लेकिन इस दौरान दर्शकों की कमी खल रही थी. ऐसे में रामलीला को दर्शकों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया जा रहा है.
योगी सरकार ने कोरोना काल में रामलीला के मंचन को लेकर नियम बनाए हैं. प्रदेश सरकार का कहना है कि रामलीला का मंचन प्राचीन परम्परा है, इसलिए परंपरा को बनाए रखने के लिए कोरोना गाइडलाइन के अनुसार रामलीला का मंचन किया जाए. वहीं गाइडलाइन आने के बाद से रामलीला के कलाकारों के चेहरों पर उत्साह की झलक जरूर देखने को मिली.
प्रयागराज स्थित दारागंज की सैकड़ों वर्ष पुरानी रामलीला कमेटी हर वर्ष रामलीला का मंचन करती है, लेकिन इस बार रामलीला पर कोरोना का प्रकोप देखने को मिला. इस महामारी में पात्रों को कोरोना की काली छाया से बचाने के लिए रामलीला के संयोजक ने फेसबुक लाइव का रास्ता चुना.
अचार्य रमेश कुमार मिश्र कहते हैं कि हर साल बड़े ही उत्साह के साथ भगवान श्रीराम गाजे बाजे के साथ बारात निकालते थे, जिसमें कई चौकीयां होती थीं, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं किया गया. कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए भगवान का विवाह संपन्न कराया गया. रामलीला देखने के लिए हर बार हजारों की संख्या में भीड़ आती थी, लेकिन इस बार सिर्फ कमेटी के ही सदस्य हैं.
उन्होंने बताया कि रामलीला को फेसबुक लाइव के माध्यम से जनता के बीच पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. अपनी परंपरा को बचाए रखने के लिए रामलीला का मंचन कराया जा रहा है, क्योंकि यह सैंकड़ों सालों से रामलीला का मंचल होता चला आ रहा है. शत्रुघ्न का पात्र निभा रहे निलेश कुमार मिश्र बताते हैं कि एक छोटे से कमरे में रामलीला संपन्न हो रही है. जबकि कई वर्षों से रामलीला का मंचन बाहर कोठी में हुआ करता था.