प्रयागराज : काशी विश्वनाथ धाम और विंध्याचल कॉरिडोर के बाद संगमनगरी प्रयागराज में लेटे हनुमान मंदिर कॉरिडोर बनाए जाने की तैयारी है. संगम किनारे स्थित लेटे हनुमान मंदिर को विकसित करने की योजना बन चुकी है, लेकिन कॉरिडोर को बनाने के लिए सेना की जमीन पर किसी प्रकार के निर्माण के लिए अनुमति लेनी होगी. जिस वजह से प्रयागराज मेला प्राधिकरण की तरफ से सेना से पत्राचार किया गया है. जहां से अनुमति मिलने के बाद कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है. सबकुछ तय योजना के मुताबिक हुआ तो जनवरी 2025 में लगने वाले कुम्भ मेले से पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा.
सेना से एनओसी मिलने के बाद ही शुरू होगा काम
धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में जनवरी 2025 में कुम्भ मेले का अयोजन होना है. इससे पहले वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तरह ही संगम किनारे स्थित लेटे हनुमान मंदिर कॉरिडोर को तैयार किए जाने की योजना है. इसके लिए सरकार की तरफ से प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण के लिए सेना की एनओसी का इंतजार है. बता दें कि सर्वे हाल ही में पूरा किया गया है. सेना के विशेषज्ञ और प्रयागराज मेला प्राधिकरण की टीम ने संयुक्त रूप से सर्वे करने के बाद रक्षा संपदा विभाग की ओर से मिली रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को भेज दी है. अब सेना मुख्यालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र पत्र मिलने के बाद इस कॉरिडोर के निर्माण का कार्य शुरू हो सकता है.
सरकार की तरफ से धार्मिक और पर्यटन स्थलों का किया जा रहा है विकास
योगी सरकार प्रदेश भर में तीर्थों का कायाकल्प कर रही है. इसी कड़ी में प्रयागराज में कुंभ मेले से पहले धार्मिक और पर्यटन स्थलों का विकास किया जा रहा है. जिसके लिए प्रयागराज में अक्षयवट कॉरिडोर तो बन ही रहा है, उसी के साथ लेटे हनुमान मंदिर कॉरिडोर बनाने की योजना को भी अमल में लाने की योजना पर काम शुरू हो गया है. संगम के नजदीक लेटे हनुमान मंदिर को नया स्वरूप देने के लिए 11 हजार 589 स्क्वायर मीटर जमीन चिह्नित की गई है. इसमें 535 स्क्वायर मीटर में हनुमान मंदिर का भव्य गर्भगृह और परिक्रमा पथ बनाया जाएगा. इसके साथ ही कॉरिडोर के लिए 2 हजार 184 स्क्वायर मीटर भूमि निर्धारित की गई है. माघ मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद के मुताबिक इस कॉरिडोर में पाथवे निर्माण के जरिये मेले में आने वाली भीड़ को नियंत्रित करने में भी मदद लगेगी. माघ मेला और कुंभ मेला के दौरान लेटे हनुमान मंदिर में दर्शन करने आने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करके उन्हें सुरक्षित रूप से वापस भेजने में इस कॉरिडोर की अहम भूमिका हो सकती है. अनुमान है कि लेटे हनुमान मंदिर कॉरिडोर के निर्माण पर करीब 40 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
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