प्रयागराज: राज्य शिक्षा सेवा अधिकरण लखनऊ में बनाए जाने को लेकर हफ्ते भर में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं का गुस्सा दूसरी बार दिखा. उन्होंने इसके विरोध में शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से सिविल लाइन सुभाष चौराहे तक पैदल मार्च निकालकर विरोध जताया. अधिवक्ताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध जताया. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुभाष चौराहे पर पुलिस बल को तैनात किया गया था.
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अधिवक्ताओं में है रोष
पैदल मार्च निकाल रहे अधिवक्ताओं का कहना था कि शिक्षा सेवा अधिकरण की प्रधान पीठ इलाहाबाद में स्थापित न करना अधिवक्ताओं के साथ धोखा है. शिक्षा सेवा अधिकरण की प्रधान पीठ लखनऊ में स्थापित करने के विरोध में अधिवक्ताओं ने सबसे पहले हाईकोर्ट के गेट नंबर 3 पर प्रदर्शन किया. बाद में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के नेतृत्व में एकत्रित होकर झंडा बैनर के साथ जुलूस निकाला गया. बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के पूर्व उपाध्यक्ष इन्द्र कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ जी ने पिछली बार हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं द्वारा आंदोलन करने पर आश्वासन दिया था कि शिक्षा सेवा अधिकरण की प्रधान पीठ इलाहाबाद में स्थापित की जाएगी. इसके बावजूद प्रयागराज में प्रधान पीठ न बनने पर समस्त अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त हो गया है. सरकार को अपने आश्वासन से मुकरना नहीं चाहिए. इस फैसले से इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं में रोष है. इसको लेकर आज सभी अधिवक्ता पैदल मार्च निकाल रहे हैं.
आंदोलन करके लड़ी जाएगी लड़ाई
समस्त अधिवक्तागण उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से यह मांग करते हैं कि तत्काल शिक्षा सेवा अधिकरण की प्रधान पीठ को इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ यहां स्थित होने के आधार पर शिक्षा सेवा अधिकरण की प्रधान पीठ को शीघ्र स्थापित करने का कार्य करें. अन्यथा प्रयागराज का अधिवक्ता इसका पुरजोर विरोध करेगा. इस लड़ाई को प्रदेशव्यापी आंदोलन के तौर पर लड़ा जाएगा.