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तीस हजारी मामला: आज न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे इलाहाबाद हाईकोर्ट और कैंट के अधिवक्ता

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झडंप व प्रदेश में वकीलों पर लगातार हो रहे हमले के विरोध में शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट और कैंट के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे. यह निर्णय इलाहाबाद हाईकोर्ट बार कौंसिल की कार्यकारिणी ने गत चार नवंबर के प्रस्ताव के अनुक्रम में गुरुवार को लिया है.

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Published : Nov 8, 2019, 12:41 PM IST

प्रयागराज: दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झडंप और प्रदेश में वकीलों पर लगातार हो रहे हमले के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट बार कौंसिल की कार्यकारिणी के अध्यक्ष राकेश पांडे की अध्यक्षता में ओल्ड स्टडी रूम में बैठक की गई. इस दौरान शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया. बैठक का संचालन महासचिव जेबी सिंह ने किया.

बैठक में शुक्रवार को हाईकोर्ट के न्याय कक्ष में दिल की धड़कन रुकने से अधिवक्ता अमूल्य रतन श्रीवास्तव के निधन पर शोक भी जताया जाएगा. न्याय कक्ष संख्या 19 में मुकदमे की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सलिल राय बहस के बाद आदेश लिख रहे थे तभी बहस कर रहे अधिवक्ता अमूल्य रतन श्रीवास्तव गश खाकर गिर पड़े. इससे कोर्ट रूम में अफरातफरी मच गई. घटना के तुरंत बाद अधिवक्ता को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

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अमूल्य रतन श्रीवास्तव मूल रूप से सिद्धार्थनगर के रहने वाले थे. यूपी बार कौंसिल ने प्रदेश भर के वकीलों से आठ नवंबर को न्यायिक कार्य से विरत होकर विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया है.

प्रयागराज: दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झडंप और प्रदेश में वकीलों पर लगातार हो रहे हमले के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट बार कौंसिल की कार्यकारिणी के अध्यक्ष राकेश पांडे की अध्यक्षता में ओल्ड स्टडी रूम में बैठक की गई. इस दौरान शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया. बैठक का संचालन महासचिव जेबी सिंह ने किया.

बैठक में शुक्रवार को हाईकोर्ट के न्याय कक्ष में दिल की धड़कन रुकने से अधिवक्ता अमूल्य रतन श्रीवास्तव के निधन पर शोक भी जताया जाएगा. न्याय कक्ष संख्या 19 में मुकदमे की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सलिल राय बहस के बाद आदेश लिख रहे थे तभी बहस कर रहे अधिवक्ता अमूल्य रतन श्रीवास्तव गश खाकर गिर पड़े. इससे कोर्ट रूम में अफरातफरी मच गई. घटना के तुरंत बाद अधिवक्ता को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

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अमूल्य रतन श्रीवास्तव मूल रूप से सिद्धार्थनगर के रहने वाले थे. यूपी बार कौंसिल ने प्रदेश भर के वकीलों से आठ नवंबर को न्यायिक कार्य से विरत होकर विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया है.

प्रयागराज। विधि संवाददाता
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में वकीलों पर पुलिस की हिंसक कार्यवाही व् प्रदेश में वकीलो पर लगातार हो रहे हमले व् हत्या के विरोध में शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट और कैट के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। यह निर्णय हाईकोर्ट बार की कार्यकारिणी ने गत चार नवंबर के प्रस्ताव के अनुक्रम में गुरुवार को लिया। यूपी बार कौंसिल ने आठ नवंबर को प्रदेशव्यापी विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया था।
इसी के मद्देनजर हाईकोर्ट बार की कार्यकारिणी ने अध्यक्ष राकेश पांडे की अध्यक्षता में ओल्ड स्टडी रूम में बैठक कर शुक्रवार को न्यायिक ने कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया।बैठक का संचालन महासचिव जेबी सिंह ने किया। बैठक में शुक्रवार को हाईकोर्ट के एक न्याय कक्ष में हृदयगति रुकने से हुए अधिवक्ता अमूल्य रतन श्रीवास्तव के निधन पर शोक भी जताया गया। न्याय कक्ष संख्या 19 में  मुकदमे की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सलिल राय बहस के बाद आदेश लिखा रहे थे। तभी बहस कर रहे अधिवक्ता अमूल्य रतन श्रीवास्तव गश खाकर गिर पड़े। इससे कोर्टरूम में अफरातफरी मच गई। अधिवक्ता को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अमूल्य रतन श्रीवास्तव मूल रूप से सिद्धार्थनगर के रहने वाले थे।झूसी में आवास है।इनका अंतिम संस्कार छतनाग घाट पर किया गया।
कैट बार के उपाध्यक्ष जितेंद्र नायक ने बताया कि यूपी बार कौंसिल के आह्वान पर शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया।
यूपी बार कौंसिल ने सूबेभर के वकीलों से आठ नवंबर को न्यायिक कार्य से विरत होकर विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया है।
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