प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में कानपुर देहात में जमीन से कब्जा हटाए जाने के दौरान मां-बेटी की जलकर हुई मौत के मामले में राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अंतिम अवसर दिया है. इससे पूर्व कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था. मगर रिपोर्ट समय पर नहीं दी जा सकी. सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिकर दिवाकर और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक और अंतिम अवसर देते हुए स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.
इस मामले को लेकर अवनीश कुमार पांडे ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका में घटना की जांच की मानिटरिंग किए जाने की मांग की गई है. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है तथा लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है. अभियुक्तों के खिलाफ जांच चल रही है और शीघ्र ही इस मामले में चार्ज शीट दाखिल की जाएगी. लेकिन सरकार की ओर से जांच की प्रगति रिपोर्ट हलफनामे के माध्यम से नहीं प्रस्तुत की गई. इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई पर प्रगति आख्या हलफनामे के साथ दाखिल करने का निर्देश दिया है.
गौरतलब है कि कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव में 13 फरवरी 2023 की शाम को तहसील प्रशासन की टीम अतिक्रमण ध्वस्त कर रही थी. इसी दौरान मंदिर से कुछ दूरी पर बनी झोपड़ी को भी गिरा दिया गया था. झोपड़ी गिरन से उसमें आग लग गई थी और मां-बेटी की जलकर मौत हो गई थी.
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