प्रयागराज : केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू के पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट की बेंच बनाने संबंधी बयान से इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के वकील नाराज हैं. बार एसोसिएशन ने मंत्री द्वारा एक खेल कार्यक्रम में आगरा में हाईकोर्ट की खंड पीठ बनाने पर विचार करने की कड़े शब्दों में निन्दा की. वहीं पूरे मामले पर विचार करने के लिए मंगलवार को दिन में आम सभा बुलाई गई है.
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के निवर्तमान अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह ने कानून मंत्री के बयान को गैर जिम्मेदाराना व संविधान विरोधी बताते हुए कहा कि जिस जसवंत सिंह कमीशन के आधार पर बयान दिया गया है, वह रिपोर्ट उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद अब निरर्थक हो चुकी है. साथ ही कहा है कि न्यायालयों में त्वरित न्याय के लिए उच्च न्यायालय व जनपद न्यायालयों में विगत कई वर्षों से लगभग 30 प्रतिशत रिक्तियों को तत्काल भरा जाए.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की अखंडता व सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है और कोई भी विघटनकारी कदम देश की राजनैतिक व सामाजिक व्यवस्था पर गम्भीर विपरीत प्रभाव डालेगी. आगरा अथवा मेरठ में खंडपीठ स्थापित करना किसी भी न्यायिक समस्या का समाधान नहीं होगा. केवल राजनीतिक दिवालियापन है. न्यायालयों में न्यायाधीशों के वर्षों से रिक्त पड़े पदों को नहीं भरा जाता. अमरेन्द्र नाथ सिंह ने कहा कि संविधान की व्यवस्था के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की चार खंडपीठों का गठन ज्यादा आवश्यक है. वहीं निवर्तमान महासचिव प्रभाशंकर मिश्र द्वारा इस विषय पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की आपात बैठक 23 नवंबर को लाईब्रेरी हॉल में दिन में बुलाई है.
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