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काशी विश्वेश्वरनाथ मंदिर-मस्जिद विवाद: केंद्र व राज्य से नहीं आया कोई वरिष्ठ अधिवक्ता, कोर्ट ने जताई नाराजगी

काशी विश्वेश्वर नाथ मंदिर (Kashi Vishweshwar Nath Temple) मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी. समय की कमी के कारण मंगलवार को बहस पूरी नहीं हो सकी. विपक्षियों की तरफ से जवाबी हलफनामे दाखिल किए गए.

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Published : Mar 29, 2022, 9:43 PM IST

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इलाहाबाद हाई कोर्ट

प्रयागराज. काशी विश्वेश्वर नाथ मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी. समय की कमी के कारण मंगलवार को बहस पूरी नहीं हो सकी. विपक्षियों की तरफ से जवाबी हलफनामे दाखिल किए गए. याची अधिवक्ता ने प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने का समय मांगा. कोर्ट ने समय देते हुए मंदिर परिसर के सर्वे कराने के अधीनस्थ अदालत के आदेश पर लगी रोक 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पांडिया ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद वाराणसी की तीन और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (UP Sunni Central Waqf Board) की दो याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है.

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कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार के याचिका में पक्षकार होने के बावजूद कोई वरिष्ठ अधिवक्ता पक्ष रखने कोर्ट में पेश न होने पर नाराजगी जताई है. कहा कि राज्य सरकार की तरफ से दो स्थाई अधिवक्ताओं के अलावा कोई सीनियर अधिवक्ता नहीं आया. केंद्र सरकार की तरफ से कोई मौजूद नहीं है. कोर्ट ने कहा केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से किसी वरिष्ठ अधिवक्ता का न आना दुर्भाग्यपूर्ण है. याची के वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने लिखित बहस दाखिल की. अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी.

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प्रयागराज. काशी विश्वेश्वर नाथ मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी. समय की कमी के कारण मंगलवार को बहस पूरी नहीं हो सकी. विपक्षियों की तरफ से जवाबी हलफनामे दाखिल किए गए. याची अधिवक्ता ने प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने का समय मांगा. कोर्ट ने समय देते हुए मंदिर परिसर के सर्वे कराने के अधीनस्थ अदालत के आदेश पर लगी रोक 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पांडिया ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद वाराणसी की तीन और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (UP Sunni Central Waqf Board) की दो याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है.

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कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार के याचिका में पक्षकार होने के बावजूद कोई वरिष्ठ अधिवक्ता पक्ष रखने कोर्ट में पेश न होने पर नाराजगी जताई है. कहा कि राज्य सरकार की तरफ से दो स्थाई अधिवक्ताओं के अलावा कोई सीनियर अधिवक्ता नहीं आया. केंद्र सरकार की तरफ से कोई मौजूद नहीं है. कोर्ट ने कहा केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से किसी वरिष्ठ अधिवक्ता का न आना दुर्भाग्यपूर्ण है. याची के वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने लिखित बहस दाखिल की. अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी.

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