प्रयागराज: देवोत्थानी एकादशी की पूर्व संध्या पर प्रयागराज में कालिंदी महोत्सव का आयोजन किया जाता है. सोमवार को होने वाली देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह के शयन के बाद जागेंगे. इसकी पूर्व संध्या पर रविवार की रात यमुना किनारे बाबा मौजगिरी घाट पर जूना अखाड़ा की तरफ से कालिंदी महोत्सव के दौरान दीपदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस साल कालिंदी महोत्सव में हजारों दीपों से दीपदान किया जाएगा. साथ ही कोरोना के समूल नाश के लिए माता यमुना और भगवान से प्रार्थना की जाएगी. इसके अलावा कोरोना से मरने वालों की आत्मा की शांति के लिए भी प्रार्थना की जाएगी.
प्रयागराज में यमुना किनारे मौजगिरी घाट पर जूना अखाड़ा के संतों द्वारा कालिंदी महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस आयोजन में घाटों को आकर्षक तरीके से दीपों से सजाया जाता है और फिर श्रद्धालु यहां यमुना में दीपदान करते हैं. इसमें दीपदान के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होता है. जूना अखाड़ा और दत्तात्रेय सेवा समिति की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में सभी अखाड़ों को भी दीपदान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है.
मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री हरि विष्णु आषाढ़ शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को क्षीरसागर में विश्राम करने के लिए चले जाते हैं. श्री हरि विष्णु लगभग चार माह तक योग निद्रा में विश्राम करने के बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी अर्थात देवोत्थान एकादशी के दिन निद्रा से जागते हैं. भगवान श्री हरि विष्णु के योग निद्रा से जागने के बाद ही शुभ और मांगलिक कार्यक्रम जैसे मुंडन, शादी, नामकरण आदि शुरू हो जाते हैं.
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