ETV Bharat / state

2015 व 2016 की 850 अनुदेशकों की भर्ती पुराने नियम से पूरी करने के निर्देश...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा विज्ञापित 2015 व 2016 में कुल 850 अनुदेशको की भर्ती  2014 की नियमावली के अनुसार यथाशीघ्र पूरी करने का निर्देश दिए हैं.

ईटीवी भारत
2015 व 2016 की 850 अनुदेशकों की भर्ती पुराने नियम से पूरी करने के निर्देश
author img

By

Published : Jan 19, 2022, 10:49 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि चयन करने वाली संस्था को चयन प्रक्रिया में बदलाव करने का अधिकार नहीं है। और आयोग विज्ञापन के समय के नियमों के तहत भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए बाध्य है. कोर्ट ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा विज्ञापित 2015 व 2016 में कुल 850 अनुदेशको की भर्ती 2014 की नियमावली के अनुसार यथाशीघ्र पूरी करने का निर्देश दिए हैं.

2014 की नियमावली में शैक्षणिक योग्यता व साक्षात्कार से भर्ती किये जाने की व्यवस्था है. कोर्ट ने आयोग द्वारा भर्ती परीक्षा कराने के सरकार को भेजे 28 जनवरी 2020 के प्रस्ताव को रद्द कर दिया है. साथ ही विशेष सचिव के 3नवंबर 21के आदेश को भी रद्द कर दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने अरविंद कुमार व तीन अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. कोर्ट ने कहा सरकार ने 2020 व 2021की अनुदेशकों की भर्ती 2017 की नियमावली के तहत भर्ती परीक्षा से कराने का आदेश दिया है जो इन भर्तियों पर लागू नहीं होता.

ये भी पढ़ेंः सपा से ऐसे दूर चलीं गईं मुलायम कुनबे की छोटी बहू अपर्णा...पढ़िए पूरी खबर

याची अधिवक्ता अंकुर शर्मा का कहना था कि आयोग को गेम के बीच गेम के नियम बदलने का अधिकार नहीं है. इस भर्ती के दो अन्य पदों पहले ही भरा जा चुका है. शेष 850 पदों की भर्ती प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है. अब शैक्षणिक योग्यता व साक्षात्कार के बजाय परीक्षा नहीं कराई जा सकती.

कोर्ट ने 11 नवंबर 2021 के आदेश को यह कहते हुए रद्द नहीं किया कि इससे कानूनी उलझन बढ़ जाएगी. कोर्ट ने कहा दो पदों का चयन होने से यह नहीं कह सकते कि अभी चयन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा कि विज्ञापन से ही भर्ती शुरू मानी जाएगी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि चयन करने वाली संस्था को चयन प्रक्रिया में बदलाव करने का अधिकार नहीं है। और आयोग विज्ञापन के समय के नियमों के तहत भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए बाध्य है. कोर्ट ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा विज्ञापित 2015 व 2016 में कुल 850 अनुदेशको की भर्ती 2014 की नियमावली के अनुसार यथाशीघ्र पूरी करने का निर्देश दिए हैं.

2014 की नियमावली में शैक्षणिक योग्यता व साक्षात्कार से भर्ती किये जाने की व्यवस्था है. कोर्ट ने आयोग द्वारा भर्ती परीक्षा कराने के सरकार को भेजे 28 जनवरी 2020 के प्रस्ताव को रद्द कर दिया है. साथ ही विशेष सचिव के 3नवंबर 21के आदेश को भी रद्द कर दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने अरविंद कुमार व तीन अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. कोर्ट ने कहा सरकार ने 2020 व 2021की अनुदेशकों की भर्ती 2017 की नियमावली के तहत भर्ती परीक्षा से कराने का आदेश दिया है जो इन भर्तियों पर लागू नहीं होता.

ये भी पढ़ेंः सपा से ऐसे दूर चलीं गईं मुलायम कुनबे की छोटी बहू अपर्णा...पढ़िए पूरी खबर

याची अधिवक्ता अंकुर शर्मा का कहना था कि आयोग को गेम के बीच गेम के नियम बदलने का अधिकार नहीं है. इस भर्ती के दो अन्य पदों पहले ही भरा जा चुका है. शेष 850 पदों की भर्ती प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है. अब शैक्षणिक योग्यता व साक्षात्कार के बजाय परीक्षा नहीं कराई जा सकती.

कोर्ट ने 11 नवंबर 2021 के आदेश को यह कहते हुए रद्द नहीं किया कि इससे कानूनी उलझन बढ़ जाएगी. कोर्ट ने कहा दो पदों का चयन होने से यह नहीं कह सकते कि अभी चयन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा कि विज्ञापन से ही भर्ती शुरू मानी जाएगी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.