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कोर्ट में केस फाइल भेजने में विफल असिस्टेंट रजिस्ट्रार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के निर्देश

हाईकोर्ट ने उनके आचरण को न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करने वाला मानते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही का आदेश दिया. मामला यह था कि हाईकोर्ट दिलशाद उर्फ दिल्लू की जमानत याचिका पर विचार कर रही थी.

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कोर्ट में केस फाइल भेजने में विफल असिस्टेंट रजिस्ट्रार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के निर्देश
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Published : Jan 27, 2022, 10:37 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक रजिस्ट्रार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने का निर्देश दिया है. उन पर आरोप है कि वह एक फौजदारी केस की फाइल को सूचीबद्ध करने में विफल रहे और विभिन्न प्रशासनिक निर्देशों का हवाला देते हुए मामले की फाइल को अदालत में नहीं भेजा था.

हाईकोर्ट द्वारा कर्तव्य पालन में लापरवाही के मुद्दे पर पूछताछ किए जाने पर भी वह टाल-मटोल करते रहे. जस्टिस अजय भनोट ने जब सहायक रजिस्ट्रार को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से बुलाया और उनकी चूक के बारे में पूछा तो उन्होंने अपना रुख दोहराया कि प्रशासनिक निर्देशों के कारण आदेश का पालन नहीं किया जा सकता.

यह भी पढ़ें : छात्रा की गैंगरेप के बाद हत्या का मामला, सीबीआई जांच की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल

हाईकोर्ट ने उनके आचरण को न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करने वाला मानते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही का आदेश दिया. मामला यह था कि हाईकोर्ट दिलशाद उर्फ दिल्लू की जमानत याचिका पर विचार कर रही थी.

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अधिकारी (संदीप कुमार, सहायक रजिस्ट्रार) की ओर से पैदा की गई बाधा को नोट किया. न्यायालय ने एक आदेश पारित किया जिसमें निर्देश दिया था कि नियमित ज़मानत याचिका को 20 जनवरी, 2022 (गुरुवार) को नए मामलों की सूची में रखा जाए जिसकी अवहेलना की गई.

कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट विचार करे कि क्या इस न्यायालय की रजिस्ट्री में जिम्मेदार पदों पर नियुक्तियां और पदोन्नति के लिए गुणात्मक आवश्यकताओं और पात्रता मानदंड में ढील देना न्याय के अच्छे प्रशासन के अनुकूल है या नहीं.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक रजिस्ट्रार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने का निर्देश दिया है. उन पर आरोप है कि वह एक फौजदारी केस की फाइल को सूचीबद्ध करने में विफल रहे और विभिन्न प्रशासनिक निर्देशों का हवाला देते हुए मामले की फाइल को अदालत में नहीं भेजा था.

हाईकोर्ट द्वारा कर्तव्य पालन में लापरवाही के मुद्दे पर पूछताछ किए जाने पर भी वह टाल-मटोल करते रहे. जस्टिस अजय भनोट ने जब सहायक रजिस्ट्रार को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से बुलाया और उनकी चूक के बारे में पूछा तो उन्होंने अपना रुख दोहराया कि प्रशासनिक निर्देशों के कारण आदेश का पालन नहीं किया जा सकता.

यह भी पढ़ें : छात्रा की गैंगरेप के बाद हत्या का मामला, सीबीआई जांच की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल

हाईकोर्ट ने उनके आचरण को न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करने वाला मानते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही का आदेश दिया. मामला यह था कि हाईकोर्ट दिलशाद उर्फ दिल्लू की जमानत याचिका पर विचार कर रही थी.

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अधिकारी (संदीप कुमार, सहायक रजिस्ट्रार) की ओर से पैदा की गई बाधा को नोट किया. न्यायालय ने एक आदेश पारित किया जिसमें निर्देश दिया था कि नियमित ज़मानत याचिका को 20 जनवरी, 2022 (गुरुवार) को नए मामलों की सूची में रखा जाए जिसकी अवहेलना की गई.

कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट विचार करे कि क्या इस न्यायालय की रजिस्ट्री में जिम्मेदार पदों पर नियुक्तियां और पदोन्नति के लिए गुणात्मक आवश्यकताओं और पात्रता मानदंड में ढील देना न्याय के अच्छे प्रशासन के अनुकूल है या नहीं.

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