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अध्यापक की बर्खास्तगी आदेश पर रोक के खिलाफ सरकार की अर्जी तय करने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ को अध्यापक की बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगाने को विखंडित करने की राज्य सरकार की अर्जी यथाशीघ्र तय करने का निर्देश दिया है

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Published : Jul 11, 2022, 10:04 PM IST

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इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ को अध्यापक की बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगाने को विखंडित करने की राज्य सरकार की अर्जी यथाशीघ्र तय करने का निर्देश दिया है और कहा है कि अंतरिम आदेश को विखंडित करने की अर्जी दाखिल होने मात्र से विशेष अपील दाखिल नहीं की जा सकती. कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर प्रकरण एकलपीठ को वापस कर दिया है.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने अरूण कुमार की विशेष अपील को निस्तारित करते हुए दिया है. मालूम हो कि राष्ट्रीय पत्राचार संस्थान कानपुर की शिक्षा अलंकार डिग्री को हाईकोर्ट ने अवैध करार देते हुए सचिव को ऐसे अध्यापकों की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया. इसके आधार पर सैकड़ों अध्यापकों सहित श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज अलीगढ़ के अध्यापक देवेंद्र कुमार अग्रवाल को बर्खास्त कर दिया गया.

इसे भी पढ़ेंः निजी भूमि, संपत्ति के विवादों में दखल न दें डीएम और एसडीएम: इलाहाबाद हाईकोर्ट

जिसकी चुनौती में दाखिल याचिका पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा और बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगा दी. हालांकि राज्य सरकार अंतरिम आदेश को समाप्त करने की अर्जी दी है. जो एकलपीठ में विचाराधीन है. अपीलार्थी ने अपील में कहा कि एकलपीठ ने गलत आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश पर बर्खास्तगी की गई है, जिस पर रोक लगाना सही नहीं है. अपीलार्थी की शिकायत पर कार्रवाई की गई थी.

हाईकोर्ट ने 2011 में शिक्षा अलंकार डिग्री को अवैध करार दिया. जिसका पालन नहीं किया गया तो बस्ती के राजमणि पांडेय ने अवमानना याचिका दायर की. प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा ने कोर्ट को आदेश पालन का आश्वासन दिया और 2021 में शिक्षा अलंकार डिग्री धारी अध्यापकों की सेवा समाप्ति कर दी गई. जिसे याचिका में चुनौती दी गई है. खंडपीठ ने याचिका पर पारित अंतरिम आदेश को विखंडित करने की सरकार की अर्जी यथाशीघ्र तय करने का निर्देश दिया है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ को अध्यापक की बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगाने को विखंडित करने की राज्य सरकार की अर्जी यथाशीघ्र तय करने का निर्देश दिया है और कहा है कि अंतरिम आदेश को विखंडित करने की अर्जी दाखिल होने मात्र से विशेष अपील दाखिल नहीं की जा सकती. कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर प्रकरण एकलपीठ को वापस कर दिया है.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने अरूण कुमार की विशेष अपील को निस्तारित करते हुए दिया है. मालूम हो कि राष्ट्रीय पत्राचार संस्थान कानपुर की शिक्षा अलंकार डिग्री को हाईकोर्ट ने अवैध करार देते हुए सचिव को ऐसे अध्यापकों की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया. इसके आधार पर सैकड़ों अध्यापकों सहित श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज अलीगढ़ के अध्यापक देवेंद्र कुमार अग्रवाल को बर्खास्त कर दिया गया.

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जिसकी चुनौती में दाखिल याचिका पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा और बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगा दी. हालांकि राज्य सरकार अंतरिम आदेश को समाप्त करने की अर्जी दी है. जो एकलपीठ में विचाराधीन है. अपीलार्थी ने अपील में कहा कि एकलपीठ ने गलत आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश पर बर्खास्तगी की गई है, जिस पर रोक लगाना सही नहीं है. अपीलार्थी की शिकायत पर कार्रवाई की गई थी.

हाईकोर्ट ने 2011 में शिक्षा अलंकार डिग्री को अवैध करार दिया. जिसका पालन नहीं किया गया तो बस्ती के राजमणि पांडेय ने अवमानना याचिका दायर की. प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा ने कोर्ट को आदेश पालन का आश्वासन दिया और 2021 में शिक्षा अलंकार डिग्री धारी अध्यापकों की सेवा समाप्ति कर दी गई. जिसे याचिका में चुनौती दी गई है. खंडपीठ ने याचिका पर पारित अंतरिम आदेश को विखंडित करने की सरकार की अर्जी यथाशीघ्र तय करने का निर्देश दिया है.

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