प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड को याची की इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नति की विभागीय कमेटी की संस्तुति का सील बंद लिफाफा खोलने तथा 28 मई 97 के शासनादेश के खंड 10 के तहत उसे इंस्पेक्टर पद पर तदर्थ नियुक्ति देने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा (Justice Sangeeta Chandra) ने बागपत के दारोगा शिवराज सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है.
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याचिका पर अधिवक्ता इरफान अहमद मलिक ने बहस की. इनका कहना था कि याची 1989 में पुलिस कांस्टेबल नियुक्त हुआ और 2008 में दारोगा पद पर पदोन्नति दी गई. उसने इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नति की अर्जी दी. विभागीय प्रोन्नति कमेटी ने अपनी संस्तुति सीलबंद लिफाफे में बोर्ड को भेजी है. याची के खिलाफ 12 जनवरी 20 को गाजियाबाद के मसूरी थाने में भ्रष्टाचार के आरोप में एफआईआर दर्ज होने के कारण पदोन्नति नहीं दी जा रही है, जबकि शासनादेश के तहत याची तदर्थ नियुक्ति पाने का अधिकार है. कोर्ट ने भी ऐसे मामले में विचार करने का निर्देश दिया है.
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