प्रयागराज: आने वाले एक-दो वर्षों में उत्तर मध्य रेलवे जोन में चलने वाली ट्रेनें और अपनी स्पीड से तेज चलेंगी. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिल गई है. ट्रेन की गति बढ़ने से एक तरफ, जहां ट्रेनों के संचालन में सुगमता आएगी, वहीं यात्री अपने गंतव्य को समय से पहुंच सकेंगे. मंजूरी मिलने के बाद उत्तर मध्य रेल के द्वारा इसकी पूरी कार्ययोजना तैयार की जा रही है. जल्द ही यह कार्य शुरू हो जाएगा.
इस कार्य पर लगभग 6685 करोड़ों रुपये की लागत आएगी. ट्रेनों की बदली हुई गति सेवा और सुरक्षा और क्षमता का सृजन होने में बल मिलेगा. रेलवे के मिशन रफ्तार के तहत भारतीय रेल अपने पूरे रेलवे नेटवर्क को दुरुस्त करने ट्रेनों की गति बढ़ाने पर एक मिशन मोड पर काम कर रहा है.
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इसी के तहत उत्तर मध्य रेल जोन दिल्ली-हावड़ा सेक्शन पर गति बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे करने की तैयारी कर रहा है. इससे इस रूट पर चल रही पैसेंजर गाड़ियों की गति में 60 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है और मालगाड़ी भी अपनी गति से दोगुनी गति तक चल सकेगी.
दिल्ली-हावड़ा मार्ग की अधिकतम गति बढ़ाने से वंदे भारत जैसी सेमी हाई स्पीड की गाड़ियों को गति मिलेगी. इससे ट्रेनों की अपनी क्षमता का पूरा लाभ उठाने और 160 किलोमीटर प्रति घंटे चलने की अनुमति से रेलवे अपने यात्रियों को पूरा लाभ दे सकेगा.
उत्तर मध्य रेलवे जोन में 100 से अधिक ट्रेनें हैं, जिनकी गति बढ़ाने पर कार्य किया जा रहा है. सरकार के द्वारा मिली इस मंजूरी के बाद उत्तर मध्य रेलवे की सबसे बड़ी भूमिका होगी, क्योंकि इस जोन में इलाहाबाद मंडल गाजियाबाद और पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच दिल्ली-हावड़ा मार्ग के 53 प्रतिशत हिस्से को यह कवर करता है.
राजीव चौधरी, महाप्रबंधक, उत्तर मध्य रेलवे