प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट में शनिवार को लॉ म्यूजियम और आर्काइव का आनलाइन उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अशोक भूषण विनीत सरन कृष्ण मुरारी ने किया. इस मौके पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर ने कहा कि यहां पर उन्होंने जितने लॉ (law) से संबंधित अरमान व अन्य दस्तावेज देखे हैं वह कहीं और नहीं देखा. इसिलए इसे राष्ट्रीय लॉ संग्रहालय बनाया जाए. उन्होंने कहा कि यहां पर तुलसीदास द्वारा हस्तलिखित एक पत्र है, जिसमें उन्होंने समझौता कराया था. इसी तरह कई अन्य अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं, जो न्याय प्रक्रिया के हमारे सुनहरे इतिहास को बताता है.
राष्ट्रीय संग्रहालय बनाने की सिफारिस
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय संग्रहालय का निर्माण प्रयागराज में हो इसके लिए सीजीआई से सिफारिश कर पुरजोर प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का संग्रहालय देश का पहला संग्रहालय है जो पहले एक कमरे में शुरू हुआ. यह आने वाली पीढ़ी के लिए मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अधिवक्ताओं की गौरवशाली परंपरा को दोहराया और पूरी टीम की सराहना की.
न्यायमूर्ति मनोज लॉ संग्राहलय के बारे में बताया
लॉ संग्रहालय और आर्काइव के कमेटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति मनोज गुप्ता ने इसकी विशेषता पर चर्चा की और इसके निर्माण में आने वाली प्रक्रिया के बारे में बताया. अंत में न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया. इस दौरान न्यायमूर्ति अश्वनी अग्रवाल, न्यायमूर्ति नाहिद आरा मुनिस व अन्य न्यायमूर्ति के अलावा बार के अध्यक्ष अमरेन्द्र सिंह व सचिव प्रभाशंकर शुक्ला, संग्रहालय के निदेशक सुनील गुप्ता, कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज के गुलाब चंद दुबे सिविल ग्रुप कंसलटेन्ट के ज्ञानेश्वर त्रिपाठी मौजूद रहे.