प्रयागराज : संगमनगरी में गरीबी से लाचार पति और पिता चादर में महिला के शव को लपेटकर बांस के सहारे कंधे पर टांगकर श्मशान जाते दिखे. इस खानाबदोश परिवार की किसी ने मदद नहीं की. किसी ने झूंसी पुलिस को जानकारी दी तो इलाके के दारोगा ने पहुंचकर उनकी आर्थिक सहायता की. यह देख आसपास के लोगों ने भी साथ दिया और चंदा जुटाकर कुछ पैसे अंतिम संस्कार के लिए गरीब परिवार को दिए. इसी के साथ पुलिस ने ई-रिक्शे की व्यवस्था भी कर दी. इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है, हालांकि ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता.
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जहाँ मृतक का सम्मान नहीं, वहाँ अमृतकाल नहीं! pic.twitter.com/8yKWKskW9s
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अंतिम संस्कार के लिए नहीं थे पैसे : घटना झूंसी इलाके की है. सड़क किनारे ठिकाना बनाकर रहने वाले नखड़ू की पत्नी अनीता की शुक्रवार को मौत के बाद परिवार वालों के पास अंतिम संस्कार तक के लिए पैसे नहीं थे. जानने वालों ने भी कोई मदद नहीं की. जिसके बाद नखड़ू ने पत्नी के शव को चादर में लपेटा और बांस के सहारे कंधे पर रखकर श्मशान घाट की तरफ चल पड़ा. नकड़ू का साथ दिया उसके ससुर ने.
अखिलेश यादव का हमला- जहां मृतक का सम्मान नहीं, वहां अमृत काल नहीं : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज में दलित महिला की मौत के बाद उसके शव को चादर में लपेटकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाने की घटना पर सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है कि जहां मृतक का सम्मान नहीं है, वहां अमृत काल भी नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने चादर में लिपटी महिला की बॉडी ले जाते हुए वायरल वीडियो भी पोस्ट किया है.
पुलिस के पहुंचने पर आगे आए लोग : महिला के शव को कंधे पर लेकर जाने की सूचना किसी ने झूंसी पुलिस को दी. जिसके बाद चौकी इंचार्ज नवीन सिंह मौके पर पहुंचे. महिला के शव को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए ई रिक्शे की व्यवस्था की. महिला के शव के साथ चल रही उसकी मां की आर्थिक मदद की. जिसके बाद दूसरे लोग भी आगे आए. सभी ने मिलकर अंतिम संस्कार के लिए साढ़े पांच हजार रुपये जमा किए. झूंसी थाने के प्रभारी उमेश प्रताप सिंह ने बताया कि सूचना पर चौकी इंचार्ज नवीन सिंह ने पहुंचकर शव ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था की. साथ ही परिवार की आर्थिक मदद के लिए भी हाथ आगे बढ़ाया.
वाराणसी का रहने वाला है दलित परिवार : वाराणसी का रहने वाला दलित परिवार पत्तल बेचकर जीवन यापन करता है. काफी समय ये नखड़ू पत्नी अनीता और सास-ससुर के साथ झूंसी के नीबी कला इलाके में ठिकाना बनाकर रहता था.
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