प्रयागराज: धर्म की नगरी तीर्थराज प्रयाग धार्मिक और इतिहास के लिए जानी जाती है. जिले में कटरा की प्राचीन रामलीला अब आधुनिक उपकरणों और हाईटेक संसाधनों से आधुनिकता की ओर बढ़ रही है. रामलीला में पात्र वही होते हैं, लेकिन अब मंचन आधुनिक संसाधनों के साथ होता है. यहां की रामलीला देखने के लिए भारी संख्या में लोग आते हैं.
कटरा की ऐतिहासिक रामलीला
- जिले में ऐतिहासिक कटरा की रामलीला हर साल होती है.
- भगवान की कहानी सुनने और समझने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी लोग रामलीला के मंचन का आनंद उठा रहे हैं.
- कटरा रामलीला दर्शकों को लुभाने के लिए आधुनिक यंत्र का इस्तेमाल करती है.
- यहां रामलीला में दो मंजिला रंगमंच स्थल होता है.
- रामलीला में लाइट, साउंड और आधुनिक यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है.
- यहां पर हर साल कुछ नया देखने को मिलता है.
अब हाईटेक हो रही है रामलीला
यहां के पदाधिकारियों की मानें तो यह इतनी पुरानी रामलीला है कि जब पात्रों को कंधे पर बिठाकर मंचन किया जाता था. बाद में बैलगाड़ी का इस्तेमाल किया जाने लगा. फिर धीरे-धीरे आज यह रामलीला हाईटेक बन गई है. दर्शकों की मानें तो कई दिनों पहले पात्र श्लोकों का अभ्यास करते थे. उसके बाद खुद ही डायलॉग बोलकर रामलीला का मंचन करते थे, लेकिन अब केवल लाइट एंड साउंड के माध्यम से यह सब दर्शाया जाता है.