ETV Bharat / state

प्रयागराज: समय के साथ आधुनिक होता जा रहा ऐतिहासिक धार्मिक रामलीला मंचन

उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के कटरा में होने वाला ऐतिहासिक रामलीला अब आधुनिक उपकरणों और हाईटेक संसाधनों से आधुनिकता की ओर बढ़ रही है. प्रचीन समय से चली आ रही रामलीला को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं.

कटरा की ऐतिहासिक रामलीला.
author img

By

Published : Oct 6, 2019, 5:47 PM IST

प्रयागराज: धर्म की नगरी तीर्थराज प्रयाग धार्मिक और इतिहास के लिए जानी जाती है. जिले में कटरा की प्राचीन रामलीला अब आधुनिक उपकरणों और हाईटेक संसाधनों से आधुनिकता की ओर बढ़ रही है. रामलीला में पात्र वही होते हैं, लेकिन अब मंचन आधुनिक संसाधनों के साथ होता है. यहां की रामलीला देखने के लिए भारी संख्या में लोग आते हैं.

कटरा की ऐतिहासिक रामलीला.

कटरा की ऐतिहासिक रामलीला

  • जिले में ऐतिहासिक कटरा की रामलीला हर साल होती है.
  • भगवान की कहानी सुनने और समझने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी लोग रामलीला के मंचन का आनंद उठा रहे हैं.
  • कटरा रामलीला दर्शकों को लुभाने के लिए आधुनिक यंत्र का इस्तेमाल करती है.
  • यहां रामलीला में दो मंजिला रंगमंच स्थल होता है.
  • रामलीला में लाइट, साउंड और आधुनिक यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है.
  • यहां पर हर साल कुछ नया देखने को मिलता है.

अब हाईटेक हो रही है रामलीला
यहां के पदाधिकारियों की मानें तो यह इतनी पुरानी रामलीला है कि जब पात्रों को कंधे पर बिठाकर मंचन किया जाता था. बाद में बैलगाड़ी का इस्तेमाल किया जाने लगा. फिर धीरे-धीरे आज यह रामलीला हाईटेक बन गई है. दर्शकों की मानें तो कई दिनों पहले पात्र श्लोकों का अभ्यास करते थे. उसके बाद खुद ही डायलॉग बोलकर रामलीला का मंचन करते थे, लेकिन अब केवल लाइट एंड साउंड के माध्यम से यह सब दर्शाया जाता है.

प्रयागराज: धर्म की नगरी तीर्थराज प्रयाग धार्मिक और इतिहास के लिए जानी जाती है. जिले में कटरा की प्राचीन रामलीला अब आधुनिक उपकरणों और हाईटेक संसाधनों से आधुनिकता की ओर बढ़ रही है. रामलीला में पात्र वही होते हैं, लेकिन अब मंचन आधुनिक संसाधनों के साथ होता है. यहां की रामलीला देखने के लिए भारी संख्या में लोग आते हैं.

कटरा की ऐतिहासिक रामलीला.

कटरा की ऐतिहासिक रामलीला

  • जिले में ऐतिहासिक कटरा की रामलीला हर साल होती है.
  • भगवान की कहानी सुनने और समझने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी लोग रामलीला के मंचन का आनंद उठा रहे हैं.
  • कटरा रामलीला दर्शकों को लुभाने के लिए आधुनिक यंत्र का इस्तेमाल करती है.
  • यहां रामलीला में दो मंजिला रंगमंच स्थल होता है.
  • रामलीला में लाइट, साउंड और आधुनिक यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है.
  • यहां पर हर साल कुछ नया देखने को मिलता है.

अब हाईटेक हो रही है रामलीला
यहां के पदाधिकारियों की मानें तो यह इतनी पुरानी रामलीला है कि जब पात्रों को कंधे पर बिठाकर मंचन किया जाता था. बाद में बैलगाड़ी का इस्तेमाल किया जाने लगा. फिर धीरे-धीरे आज यह रामलीला हाईटेक बन गई है. दर्शकों की मानें तो कई दिनों पहले पात्र श्लोकों का अभ्यास करते थे. उसके बाद खुद ही डायलॉग बोलकर रामलीला का मंचन करते थे, लेकिन अब केवल लाइट एंड साउंड के माध्यम से यह सब दर्शाया जाता है.

Intro:आधुनिक होता ऐतिहासिक धार्मिक रामलीला मंचन!
ritesh singh
7007861412

धर्म की नगरी तीर्थराज प्रयाग धार्मिक और इतिहास के लिए जानी जाती है! तीर्थराज प्रयाग से कई ऐतिहासिक कहानियां जुड़ी है! उन्हीं में से एक है यहां की प्राचीन रामलीला जो अब आधुनिक उपकरणों और हाईटेक संसाधनों से आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है !पात्र वही होते हैं लेकिन जब मंचन आधुनिक संसाधनों के साथ होता है प्रयागराज के सबसे ऐतिहासिक रामलीला में से कटरा रामलीला का आयोजन जहां की रामलीला देखने के लिए शहर के ही लोग नहीं बल्कि आसपास के लोग यहां आते हैं !और भगवान के इस धार्मिक आयोजन का आनंद लेते हैं!



Body:राम लखन सीता और रामायण के अनुपातों का दर्शन और उनके विषय में जानना सनातन धर्म का रीति रिवाज है!भगवान की कहानी सुनने और समझने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी लोग रामलीला के मंचन का आनंद उठा रहे! हैं कटरा रामलीला दर्शकों को लुभाने के लिए आधुनिक यंत्र का इस्तेमाल करती है! प्रयागराज में हर जगह रामलीला होती है लेकिन कटरा राम लीला का एक अनोखा इतिहास है! यहां पर दो मंजिला रंगमंच स्थल होता है !लाइट साउंड आधुनिक यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है! जिसे देखने के लिए यहां पर लोग दूर-दूर से आते हैं !और यहां पर हर साल कुछ नया देखने को मिलता है !कटरा राम लीला इतिहास बहुत पुराना है !यहां के पदाधिकारियों की माने तो यह इतनी पुरानी रामलीला है कि जब पात्रों को कंधे पर बिठाकर मंचन किया जाता था !बाद में बैलगाड़ी का इस्तेमाल किया जाने लगा! फिर धीरे-धीरे क्रम बढ़ता गया और आज हाईटेक रामलीला बनकर रह गई है! धर्म की नगरी तीर्थ राज प्रयाग धार्मिकता और इतिहास के लिए ही जानी जाती है ! तीर्थराज प्रयाग से कई ऐतिहासिक चीजें जुड़ी हुई हैं! उन्हीं में से एक यह प्राचीन रामलीला है !जो कि अब आधुनिक उपकरणों और हाईटेक संसाधनों से आधुनिकता की ओर बढ़ गई है !दर्शकों की माने तो पहले कई दिनों पहले पात्र श्लोकों का अभ्यास करते थे उसके बाद खुद ही डायलॉग बोलकर रामलीला का मंचन करते थे! लेकिन अब केवल लाइट एंड साउंड के माध्यम से उनको इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती लेकिन अगर प्राचीन रामलीला को देखें तो अभी भी शहर में कई रामलीला में प्राचीनतम रामलीला ही झलकती है!

बाइट ----गोपाल जी (महामंत्री रामलीला कमेटी)
बाइट ---- रेनू(दर्शक)


Conclusion:राम लीला चाहे जितनी भी हाईटेक हो जाए लेकिन दर्शक आज भी पुराने तरीके से मंचन हुई रामलीला को देखने से नहीं चूकते! क्योंकि दर्शकों को मानना है कि जब पात्र अपनी मेहनत से और और अपने मुख से श्लोक बोलता है तो उसकी बात ही कुछ और होती है!
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.