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VIP नंबर बुक किया तो लेना ही होगा, वरना पैसा होगा जब्त

वाहन की वीआईपी नंबर बुक कराने वालो के लिए बुरी खबर है. वीआईपी नंबर लेने की निर्धारित अवधि 30 दिन के भीतर अगर आप वाहन खरीद कर नंबर नहीं ले सके तो आरक्षित नंबर को निरस्त कर दिया जाएगा. इतना ही नहीं वीआईपी नंबर बुक कराने के लिए जमा राशि भी जब्त हो जाएगी.

allahabad high court
इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Oct 27, 2020, 8:52 PM IST

प्रयागराज: मोटर वाहन पंजीकरण का वीआईपी नंबर बुक कराने वालो के लिए बुरी खबर है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत अगर वीआईपी नंबर लेने की निर्धारित अवधि 30 दिन के भीतर वाहन खरीद कर नंबर नहीं ले लेते तो आरक्षित नंबर निरस्त कर दिया जाएगा और वीआईपी नंबर बुक कराने के लिए जमा राशि भी जब्त हो जाएगी.

कोर्ट ने कहा कि कानून की मंशा साफ है. उसका पालन न करने वाले को कोर्ट कोई राहत नहीं दे सकती है. कोर्ट ने वाहन खरीदने के लिए दो हफ्ते और वीआईपी नंबर आवंटित करने का समादेश जारी करने की मांग अस्वीकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी और न्यायमूर्ति डा वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राजेश गौर की याचिका पर दिया है.

जमा राशि नहीं होगी वापस

याची का कहना था कि उसने 6 मार्च 2020 को वाहन का वीआईपी नंबर आवंटित करने की अर्जी दी और एक लाख रूपये इसके एवज में जमा किया. वह वाहन खरीद नहीं सका. विभाग ने वाहन खरीदने के लिए दो हफ्ते का समय देने से इंकार कर दिया तो याची ने हाईकोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने कहा कि अधिनियम मे साफ तौर पर लिखा है कि परिवहन आयुक्त को खास नंबरों को आरक्षित करने और मागने पर शुल्क के साथ क्रमवार आवंटित करने का अधिकार है. यदि कोई व्यक्ति अर्जी देने के एक माह के भीतर वाहन खरीद कर वीआईपी नंबर नहीं ले लेता तो उसकी मांग निरस्त कर दिया जाएगी और जमा राशि वापस नहीं होगी. याची ने स्वीकार किया है कि उसने फीस जमा की लेकिन समय के भीतर वाहन नहीं खरीद सका.

प्रयागराज: मोटर वाहन पंजीकरण का वीआईपी नंबर बुक कराने वालो के लिए बुरी खबर है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत अगर वीआईपी नंबर लेने की निर्धारित अवधि 30 दिन के भीतर वाहन खरीद कर नंबर नहीं ले लेते तो आरक्षित नंबर निरस्त कर दिया जाएगा और वीआईपी नंबर बुक कराने के लिए जमा राशि भी जब्त हो जाएगी.

कोर्ट ने कहा कि कानून की मंशा साफ है. उसका पालन न करने वाले को कोर्ट कोई राहत नहीं दे सकती है. कोर्ट ने वाहन खरीदने के लिए दो हफ्ते और वीआईपी नंबर आवंटित करने का समादेश जारी करने की मांग अस्वीकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी और न्यायमूर्ति डा वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राजेश गौर की याचिका पर दिया है.

जमा राशि नहीं होगी वापस

याची का कहना था कि उसने 6 मार्च 2020 को वाहन का वीआईपी नंबर आवंटित करने की अर्जी दी और एक लाख रूपये इसके एवज में जमा किया. वह वाहन खरीद नहीं सका. विभाग ने वाहन खरीदने के लिए दो हफ्ते का समय देने से इंकार कर दिया तो याची ने हाईकोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने कहा कि अधिनियम मे साफ तौर पर लिखा है कि परिवहन आयुक्त को खास नंबरों को आरक्षित करने और मागने पर शुल्क के साथ क्रमवार आवंटित करने का अधिकार है. यदि कोई व्यक्ति अर्जी देने के एक माह के भीतर वाहन खरीद कर वीआईपी नंबर नहीं ले लेता तो उसकी मांग निरस्त कर दिया जाएगी और जमा राशि वापस नहीं होगी. याची ने स्वीकार किया है कि उसने फीस जमा की लेकिन समय के भीतर वाहन नहीं खरीद सका.

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