प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव न्याय को राहत देते हुए उन पर लगाए गए हर्जाने को माफ कर दिया है. गत दिनों महाधिवक्ता कार्यालय में हुए अग्निकांड के बाद जली फाइलों को दोबारा तैयार करने में हो रही देरी के कारण हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव न्याय पर 2 मामलों में 20 हजार और 50 हजार रुपये का हर्जाना लगा दिया था. साथ ही यह भी चेतावनी दी थी कि यदि हर्जाने की रकम जमा न की गई तो प्रमुख सचिव न्याय को अगली सुनवाई पर फिर से उपस्थित होना होगा.
हर्जाना लगाने का आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने दिया था. गुलशन कुमार उर्फ मदन मोहन और पंकज वर्मा की जमानत अर्जियों पर सुनवाई के दौरान अपर शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट से यह कहते हुए समय देने की मांग की थी कि फाइलें जल जाने के कारण उनके पास कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए प्रमुख सचिव न्याय को तलब कर लिया था. गत 5 अगस्त को प्रमुख सचिव अदालत में उपस्थित हुए तो उनके पास माकूल जवाब नहीं था. इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने गुलशन के मामले में 20 हज़ार जबकि पंकज वर्मा वाले मामले में 50 हजार रुपये का हर्जाना लगा दिया था.
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वहीं, शासकीय अधिवक्ता अशोक कुमार पाल ने इन दोनों ही आदेशों को संशोधित करने के लिए अर्जी दाखिल कर कोर्ट से अनुरोध किया था कि हर्जाने की रकम माफ की जाए. याची के अधिवक्ता की ओर से इस पर कोई आपत्ति नहीं की गई. सरकारी पक्ष द्वारा दी गई दलीलों को देखने के बाद कोर्ट ने हर्जाना लगाने का आदेश वापस ले लिया है.