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पूर्व सांसद उमाकांत यादव की जमानत अर्जी पर हाई कोर्ट ने सरकार से जानकारी तलब की - इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली पूर्व सांसद उमाकांत यादव की जमानत अर्जी पर यूपी सरकार से जानकारी तलब की है. दरअसल, उमाकांत यादव पर जीआरपी पुलिस पर फायरिंग व हत्या का आरोप है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : May 21, 2020, 4:40 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली पूर्व सांसद उमाकांत यादव की जमानत अर्जी पर राज्य सरकार से जानकारी तलब की है. अधूरी जानकारी देने पर अतिरिक्त समय दिया है. अर्जी की सुनवाई 27 मई को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने दिया है.

उमाकांत यादव के खिलाफ जीआरपी पुलिस ने जौनपुर के शाहगंज थाने में चार फरवरी 1995 को रेलवे स्टेशन पर फायरिंग कर अफरा-तफरी फैलाने, पुलिस की हत्या करने, सरकारी शस्त्र की लूट करने जैसे गंभीर आरोपों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इस मामले में विशेष न्यायाधीश एमपीएमएलए प्रयागराज में आपराधिक मुकदमा चल रहा है. याची को जमानत मिली थी, लेकिन निर्धारित तिथि पर बार-बार कोर्ट में हाजिर न होने पर विशेष न्यायाधीश ने जमानत अर्जी निरस्त कर दी. जिस पर हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दी गई है.

दरअसल, 4 फरवरी 1995 को शाहगंज रेलवे स्टेशन मास्टर कार्यालय के सामने बेंच पर उमाकांत का ड्राइवर राजकुमार बैठा हुआ था. उसी समय एक अन्य व्यक्ति बैठने लगा, तो कहासुनी हो गई और मारपीट की नौबत आ गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने ड्राइवर को पुलिस चौकी पर बैठा लिया और पूछताछ कर ही रहे थे कि सूचना पाकर उमाकांत यादव साथियों के साथ मय असलहा रेलवे प्लेटफार्म पर आए और फायरिंग करने लगे,जिससे अफरा-तफरी मच गई. भगदड़ के बीच फायरिंग से कॉन्स्टेबल अजय सिंह की गोली लगने से मौत हो गई. कॉन्स्टेबल लल्लन सिंह गंभीर रूप से घायल हुए.अन्य कई रेलवे कर्मचारी फायरिंग में घायल हुए और उमाकांत साथियों सहित ड्राइवर राजकुमार को पुलिस चौकी से छुड़ा कर ले गए. सरकारी असलहा भी लूटने का प्रयास किया, जिसको लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई. विशेष न्यायाधीश के समक्ष आपराधिक मामले की सुनवाई चल रही है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली पूर्व सांसद उमाकांत यादव की जमानत अर्जी पर राज्य सरकार से जानकारी तलब की है. अधूरी जानकारी देने पर अतिरिक्त समय दिया है. अर्जी की सुनवाई 27 मई को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने दिया है.

उमाकांत यादव के खिलाफ जीआरपी पुलिस ने जौनपुर के शाहगंज थाने में चार फरवरी 1995 को रेलवे स्टेशन पर फायरिंग कर अफरा-तफरी फैलाने, पुलिस की हत्या करने, सरकारी शस्त्र की लूट करने जैसे गंभीर आरोपों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इस मामले में विशेष न्यायाधीश एमपीएमएलए प्रयागराज में आपराधिक मुकदमा चल रहा है. याची को जमानत मिली थी, लेकिन निर्धारित तिथि पर बार-बार कोर्ट में हाजिर न होने पर विशेष न्यायाधीश ने जमानत अर्जी निरस्त कर दी. जिस पर हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दी गई है.

दरअसल, 4 फरवरी 1995 को शाहगंज रेलवे स्टेशन मास्टर कार्यालय के सामने बेंच पर उमाकांत का ड्राइवर राजकुमार बैठा हुआ था. उसी समय एक अन्य व्यक्ति बैठने लगा, तो कहासुनी हो गई और मारपीट की नौबत आ गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने ड्राइवर को पुलिस चौकी पर बैठा लिया और पूछताछ कर ही रहे थे कि सूचना पाकर उमाकांत यादव साथियों के साथ मय असलहा रेलवे प्लेटफार्म पर आए और फायरिंग करने लगे,जिससे अफरा-तफरी मच गई. भगदड़ के बीच फायरिंग से कॉन्स्टेबल अजय सिंह की गोली लगने से मौत हो गई. कॉन्स्टेबल लल्लन सिंह गंभीर रूप से घायल हुए.अन्य कई रेलवे कर्मचारी फायरिंग में घायल हुए और उमाकांत साथियों सहित ड्राइवर राजकुमार को पुलिस चौकी से छुड़ा कर ले गए. सरकारी असलहा भी लूटने का प्रयास किया, जिसको लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई. विशेष न्यायाधीश के समक्ष आपराधिक मामले की सुनवाई चल रही है.

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