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हाईकोर्ट ने मैट्रोपोलिटिन प्लानिंग कमेटियों के गठन पर निर्वाचन आयोग से किया जवाब-तलब - High Court summoned the Election Commission

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटियों (Metropolitan planning committees) का गठन नहीं होने पर राज्य निर्वाचन आयोग को 2 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट.
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Published : Sep 24, 2021, 9:32 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) से पूछा है कि मेट्रोपॉलिटन सिटी (Metropolitan City) में मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटियों (Metropolitan planning committees) का गठन आज तक क्यों नहीं हो सका. कोर्ट ने इस मामले में निर्वाचन आयोग को 2 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज गुप्ता व न्यायमूर्ति दीपक वर्मा ने पूर्व पार्षद कमलेश सिंह की याचिका पर दिया है.

पूर्व पार्षद कमलेश सिंह की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि 30 नवंबर 2006 को राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर इलाहाबाद सहित कुछ अन्य शहरों का मेट्रोपॉलिटन सिटी की तरह विकास करने का निर्णय लिया था. इसके लिए मेट्रोपॉलिटन सिटी प्लानिंग कमेटी का गठन किया जाना है. कमेटी के गठन का अधिकार राज्य निर्वाचन आयोग को है, जो मतदाता सूची आदि तैयार करने का भी काम करता है.

याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि राज्य सरकार ने 22 मई 2014 को अधिसूचना जारी कर मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटी की सदस्य संख्या 30 निर्धारित की. इसके बाद राज्य सरकार ने 29 जनवरी 2015 को राज्य निर्वाचन आयोग से कमेटियों के गठन की प्रक्रिया जल्दी पूरी करने को कहा था. 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को कमेटियों का गठन करने का निर्देश दिया था.

इसे भी पढ़ें-शादी को आधार बनाकर पुत्र की फेमिली पेंशन नहीं रोक सकती सरकार: सेना कोर्ट

हाईकोर्ट के आदेश के 5 साल बीत जाने के बाद भी राज्य निर्वाचन आयोग ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है. इस पर हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को 2 सप्ताह में यह बताने को कहा है कि 2006 में अधिसूचना जारी होने के बाद से अब तक कमेटियों के चयन के संबंध में उन्होंने क्या कदम उठाए हैं.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) से पूछा है कि मेट्रोपॉलिटन सिटी (Metropolitan City) में मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटियों (Metropolitan planning committees) का गठन आज तक क्यों नहीं हो सका. कोर्ट ने इस मामले में निर्वाचन आयोग को 2 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज गुप्ता व न्यायमूर्ति दीपक वर्मा ने पूर्व पार्षद कमलेश सिंह की याचिका पर दिया है.

पूर्व पार्षद कमलेश सिंह की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि 30 नवंबर 2006 को राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर इलाहाबाद सहित कुछ अन्य शहरों का मेट्रोपॉलिटन सिटी की तरह विकास करने का निर्णय लिया था. इसके लिए मेट्रोपॉलिटन सिटी प्लानिंग कमेटी का गठन किया जाना है. कमेटी के गठन का अधिकार राज्य निर्वाचन आयोग को है, जो मतदाता सूची आदि तैयार करने का भी काम करता है.

याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि राज्य सरकार ने 22 मई 2014 को अधिसूचना जारी कर मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटी की सदस्य संख्या 30 निर्धारित की. इसके बाद राज्य सरकार ने 29 जनवरी 2015 को राज्य निर्वाचन आयोग से कमेटियों के गठन की प्रक्रिया जल्दी पूरी करने को कहा था. 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को कमेटियों का गठन करने का निर्देश दिया था.

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हाईकोर्ट के आदेश के 5 साल बीत जाने के बाद भी राज्य निर्वाचन आयोग ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है. इस पर हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को 2 सप्ताह में यह बताने को कहा है कि 2006 में अधिसूचना जारी होने के बाद से अब तक कमेटियों के चयन के संबंध में उन्होंने क्या कदम उठाए हैं.

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