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BSA को अध्यापक का वेतन रोकने का अधिकार नहीं: हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कहा है कि बीएसए को अध्यापक का वेतन रोकने का अधिकार नहीं है. बीएसए आजमगढ़ ने कार्य में लापरवाही करने पर याची का वेतन रोक दिया था, जिस पर उसने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

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BSA को अध्यापक का वेतन रोकने का अधिकार नहीं-हाईकोर्ट
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Published : Dec 6, 2019, 4:28 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को किसी अध्यापक का वेतन रोकने का अधिकार नहीं है. फिर भी ऐसे आदेशों के खिलाफ याचिकाएं दाखिल हो रही हैं. कोर्ट ने सचिव, बेसिक शिक्षा उ. प्र. एवं बेसिक शिक्षा परिषद को आदेश दिया है कि वह देखें कि कानून के विपरीत बीएसए अध्यापकों का वेतन भुगतान अवैध रूप से न रोकें. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने संतोष कुमार राय की याचिका पर दिया.

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BSA को अध्यापक का वेतन रोकने का अधिकार नहीं: हाईकोर्ट

कानून का उल्लंघन करने वाले अध्यापकों की भी जवाबदेही तय: कोर्ट
कोर्ट ने कहा है कि अनिवार्य शिक्षा कानून की धारा 24 और नियम 19 का कड़ाई से पालन कराया जाए. इस धारा में अध्यापकों और बीएसए के कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं. कोर्ट ने कानून का उल्लंघन करने वाले बीएसए और अध्यापकों की जवाबदेही तय करने का भी आदेश दिया है. इसके साथ ही सचिव को दो हफ्ते में निर्देश जारी करने का निर्देश भी दिया है.

बीएसए और अध्यापकों के कार्य की मॉनिटरिंग करें सचिव बेसिक शिक्षा
कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा को प्रदेश के सभी बीएसए से हर 6 माह में अध्यापकों द्वारा कर्तव्य पालन की रिपोर्ट लेकर अनुपालन कराएं. साथ ही बीएसए और अध्यापकों के कार्य की मॉनिटरिंग करें और 18 दिसम्बर को अनुपालन रिपोर्ट के साथ हलफनामा मांगा है.

आजमगढ़ के सहायक अध्यापक की याचिका पर कोर्ट ने सुनाया फैसला
बीएसए आजमगढ़ ने कार्य में लापरवाही करने पर याची का वेतन रोक दिया. याची सहायक अध्यापक है, उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई नहीं की गई. कोर्ट ने पूछा किस कानून से वेतन भुगतान रोका गया है, तो कहा गया कि पेनाल्टी के खिलाफ अपील का वैकल्पिक अधिकार प्राप्त है. फिलहाल वेतन रोकने का आदेश वापस ले लिया गया. कोर्ट ने बच्चों की शिक्षा के अधिकार को कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को किसी अध्यापक का वेतन रोकने का अधिकार नहीं है. फिर भी ऐसे आदेशों के खिलाफ याचिकाएं दाखिल हो रही हैं. कोर्ट ने सचिव, बेसिक शिक्षा उ. प्र. एवं बेसिक शिक्षा परिषद को आदेश दिया है कि वह देखें कि कानून के विपरीत बीएसए अध्यापकों का वेतन भुगतान अवैध रूप से न रोकें. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने संतोष कुमार राय की याचिका पर दिया.

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कानून का उल्लंघन करने वाले अध्यापकों की भी जवाबदेही तय: कोर्ट
कोर्ट ने कहा है कि अनिवार्य शिक्षा कानून की धारा 24 और नियम 19 का कड़ाई से पालन कराया जाए. इस धारा में अध्यापकों और बीएसए के कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं. कोर्ट ने कानून का उल्लंघन करने वाले बीएसए और अध्यापकों की जवाबदेही तय करने का भी आदेश दिया है. इसके साथ ही सचिव को दो हफ्ते में निर्देश जारी करने का निर्देश भी दिया है.

बीएसए और अध्यापकों के कार्य की मॉनिटरिंग करें सचिव बेसिक शिक्षा
कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा को प्रदेश के सभी बीएसए से हर 6 माह में अध्यापकों द्वारा कर्तव्य पालन की रिपोर्ट लेकर अनुपालन कराएं. साथ ही बीएसए और अध्यापकों के कार्य की मॉनिटरिंग करें और 18 दिसम्बर को अनुपालन रिपोर्ट के साथ हलफनामा मांगा है.

आजमगढ़ के सहायक अध्यापक की याचिका पर कोर्ट ने सुनाया फैसला
बीएसए आजमगढ़ ने कार्य में लापरवाही करने पर याची का वेतन रोक दिया. याची सहायक अध्यापक है, उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई नहीं की गई. कोर्ट ने पूछा किस कानून से वेतन भुगतान रोका गया है, तो कहा गया कि पेनाल्टी के खिलाफ अपील का वैकल्पिक अधिकार प्राप्त है. फिलहाल वेतन रोकने का आदेश वापस ले लिया गया. कोर्ट ने बच्चों की शिक्षा के अधिकार को कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है.

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बी एस ए को अध्यापक का वेतन रोकने का अधिकार नहीं-हाईकोर्ट 







सचिन बेसिक शिक्षा को कानून के पालन की मानिटरिंग करने का निर्देश 











प्रयागराज 6दिसम्बर 











इलाहाबाद हाईकोर्ट ने  कहा है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी किसी अध्यापक का वेतन नहीँ रोक सकता। फिर भी ऐसे आदेशों के खिलाफ याचिकाएं दाखिल हो रही है। 



कोर्ट ने सचिव ,बेसिक शिक्षा उ प्र एवं बेसिक शिक्षा परिषद को आदेश दिया है कि वह देखें कि कानून के विपरीत बी एस ए अध्यापकों के वेतन भुगतान पर अवैध रूप से न रोकें।



कोर्ट ने कहा है कि अनिवार्य शिक्षा कानून की धारा 24 व नियम 19 का कड़ाई से पालन कराया जाय।इस धारा में अध्यापकों व बी एस ए के कर्तव्य निर्धारित किया गया है। 



कोर्ट ने  कानून का उल्लंघन करने वाले बी एस ए व अध्यापकों  की जवाबदेही तय करने का भी आदेश  दिया है। और सचिव को दो हफ्ते में निर्देश जारी करने का निर्देश दिया है। 



कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा को प्रदेश के सभी  बी एस ए से हर छः माह में अध्यापकों द्वारा कर्तव्य पालन की रिपोर्ट लेकर अनुपालन करायें। साथ ही बी एस ए व अध्यापकों के कार्य की मानिटरिंग करें। और 18 दिसम्बर को अनुपालन रिपोर्ट के साथ हलफ़नामा मांगा है। 



यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी ने संतोष कुमार राय की याचिका पर दिया है। 



बी एस ए आजमगढ़ ने कार्य मे लापरवाही करने पर याची का वेतन रोक दिया। याची सहायक अध्यापक है।उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही नहीं की गयी। कोर्ट ने पूछा किस कानून से वेतन भुगतान रोका गया है। कहा गया कि पेनाल्टी के खिलाफ अपील का वैकल्पिक अधिकार प्राप्त है। फिलहाल वेतन रोकने का आदेश वापस ले लिया गया। तो कोर्ट ने बच्चों के शिक्षा के अधिकार को कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है।






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