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प्रबंध समिति को स्थायी अध्यापक की नियुक्ति का अधिकार नहीं, ऐसी नियुक्ति शून्य होगी : हाईकोर्ट - collage managing committee

एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि कॉलेज कि प्रबंध समिति को स्थायी अध्यापक की नियुक्ति का अधिकार नहीं है, ऐसी नियुक्ति शून्य होगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Feb 3, 2022, 10:29 PM IST

प्रयागराज : एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि विहित कानूनी प्रक्रिया के तहत खाली पद भरने का अधियाचन भेजें बगैर कॉलेज प्रबंध समिति द्वारा स्थायी पद पर की गई नियुक्ति शून्य मानी जाएगी. कोर्ट ने 6 अक्टूबर 2021 को एकलपीठ द्वारा याचिका खारिज करने के आदेश के खिलाफ विशेष अपील खारिज कर दी है. याचिका में जिला विद्यालय निरीक्षक प्रयागराज की नियुक्ति को मान्यता न देने को चुनौती दी गई थी.

यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने कृष्ण मोहन तिवारी की विशेष अपील पर दिया है. ज्ञात हो कि सिविक्स प्रवक्ता के 30 जून 1998 को सेवानिवृत्त होने पर पद खाली हुआ था. जिसका अधियाचन बोर्ड को नहीं भेजा गया. प्रबंध समिति ने स्वयं विज्ञापन निकाला और याची की नियुक्ति कर ली. याची ने 30अगस्त 1998 को नौकरी ज्वाइन भी कर ली थी.

इसमें उ.प्र. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड एक्ट 1982 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. इसमें जिला विद्यालय निरीक्षक के आदेश को चुनौती दी गई थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर याचिका खारिज कर दी. जिस अपील में चुनौती दी गई थी, उसमें याची का कहना था कि बोर्ड से नियुक्ति न होने पर प्रबंध समिति को नियुक्ति का अधिकार है.

कोर्ट में याची द्वारा संतोष कुमार सिंह केस का हवाला दिया गया. कोर्ट ने कहा कि आकस्मिक कारण से अस्थाई रूप से पद खाली होने पर 6 महीने के लिए प्रबंध समिति को नियुक्ति का अधिकार है. इसके अलावा खाली पद भरने का अधियाचन भेजा गया है, लेकिन चयन नहीं हो सका है तो शिक्षा सत्र के लिए समिति को अध्यापक की नियुक्ति का अधिकार है. इस मामले में पद स्थायी रूप से खाली हुआ था. जिस पर नियमानुसार बोर्ड को चयन करने का अधिकार है. प्रबंध समिति को नियुक्ति का अधिकार नहीं है.

इसे पढ़ें- किशन भारवाड़ मर्डर केस में नया खुलासा, आरोपी कमरगनी उस्मानी लखनऊ में चलाता है TFI नाम की संस्था

प्रयागराज : एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि विहित कानूनी प्रक्रिया के तहत खाली पद भरने का अधियाचन भेजें बगैर कॉलेज प्रबंध समिति द्वारा स्थायी पद पर की गई नियुक्ति शून्य मानी जाएगी. कोर्ट ने 6 अक्टूबर 2021 को एकलपीठ द्वारा याचिका खारिज करने के आदेश के खिलाफ विशेष अपील खारिज कर दी है. याचिका में जिला विद्यालय निरीक्षक प्रयागराज की नियुक्ति को मान्यता न देने को चुनौती दी गई थी.

यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने कृष्ण मोहन तिवारी की विशेष अपील पर दिया है. ज्ञात हो कि सिविक्स प्रवक्ता के 30 जून 1998 को सेवानिवृत्त होने पर पद खाली हुआ था. जिसका अधियाचन बोर्ड को नहीं भेजा गया. प्रबंध समिति ने स्वयं विज्ञापन निकाला और याची की नियुक्ति कर ली. याची ने 30अगस्त 1998 को नौकरी ज्वाइन भी कर ली थी.

इसमें उ.प्र. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड एक्ट 1982 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. इसमें जिला विद्यालय निरीक्षक के आदेश को चुनौती दी गई थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर याचिका खारिज कर दी. जिस अपील में चुनौती दी गई थी, उसमें याची का कहना था कि बोर्ड से नियुक्ति न होने पर प्रबंध समिति को नियुक्ति का अधिकार है.

कोर्ट में याची द्वारा संतोष कुमार सिंह केस का हवाला दिया गया. कोर्ट ने कहा कि आकस्मिक कारण से अस्थाई रूप से पद खाली होने पर 6 महीने के लिए प्रबंध समिति को नियुक्ति का अधिकार है. इसके अलावा खाली पद भरने का अधियाचन भेजा गया है, लेकिन चयन नहीं हो सका है तो शिक्षा सत्र के लिए समिति को अध्यापक की नियुक्ति का अधिकार है. इस मामले में पद स्थायी रूप से खाली हुआ था. जिस पर नियमानुसार बोर्ड को चयन करने का अधिकार है. प्रबंध समिति को नियुक्ति का अधिकार नहीं है.

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