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HC: मतदाता सूची में संशोधन कानूनी व्यवस्था, याचिका कि जरूरत नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नगर निगम चुनाव में प्रयागराज के 2 वार्डों की मतदाता सूची में संशोधन करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर कोई भी आदेश देने से इनकार करते हुए याचिका निस्तारित कर दी है.

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HC: मतदाता सूची में संशोधन कानूनी व्यवस्था, याचिका कि अवश्यकता नहीं
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Published : Nov 26, 2022, 7:43 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court ) ने नगर निगम चुनाव (municipal elections) में प्रयागराज के 2 वार्डों की मतदाता सूची में संशोधन करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर कोई भी आदेश देने से इनकार करते हुए याचिका निस्तारित कर दी है. कोर्ट ने कहा कि मतदाता सूची को लेकर दाखिल आपत्तियों का निस्तारण करना एक कानूनी व्यवस्था है. इसके लिए किसी परमादेश याचिका की आवश्यकता नहीं है.

पार्षद रमेश मिश्रा व दो अन्य पार्षदों की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायामूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने सुनवाई की. पार्षदों का कहना था कि 26 सितंबर 2022 को जारी अधिसूचना के के आधार पर वार्ड संख्या 30 और वार्ड संख्या 94 क्षेत्रफल के अनुसार इन वार्डो की मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया जाए. याचियों का कहना था कि उन्होंने मतदाता सूची पर आपत्ति दाखिल की है मगर उनको आशंका है कि अंतिम मतदाता सूची जारी करते समय उनकी आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा.

नगर निगम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व अधिवक्ता विभु राय ने याचिका का विरोध किया. कोर्ट के समक्ष चुनाव आयोग द्वारा जारी अधिसूचना प्रस्तुत की गई जिसके अनुसार मतदाता सूची का निरीक्षण व आपत्ति के लिए 1 से 7 नवंबर का समय दिया गया था. 8 से 12 नवंबर के बीच आपत्ति का निस्तारण होना था, 14 से 17 नवंबर के बीच मतदाता सूची में संशोधन व 18 नवंबर को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाना अधिसूचना में तय किया गया था. कोर्ट ने कहा कि आपत्तियों का निस्तारण करना कानूनी व्यवस्था है इसके लिए किसी परमादेश याचिका की आवश्यकता नहीं है. अदालत ने निष्कर्ष के साथ याचिका निस्तारित कर दी.

ये भी पढ़ेंः साक्षी महाराज बोले-श्रद्धा के हत्यारे का एनकाउंटर कर सूअर की चर्बी लगा आग लगा दो

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court ) ने नगर निगम चुनाव (municipal elections) में प्रयागराज के 2 वार्डों की मतदाता सूची में संशोधन करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर कोई भी आदेश देने से इनकार करते हुए याचिका निस्तारित कर दी है. कोर्ट ने कहा कि मतदाता सूची को लेकर दाखिल आपत्तियों का निस्तारण करना एक कानूनी व्यवस्था है. इसके लिए किसी परमादेश याचिका की आवश्यकता नहीं है.

पार्षद रमेश मिश्रा व दो अन्य पार्षदों की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायामूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने सुनवाई की. पार्षदों का कहना था कि 26 सितंबर 2022 को जारी अधिसूचना के के आधार पर वार्ड संख्या 30 और वार्ड संख्या 94 क्षेत्रफल के अनुसार इन वार्डो की मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया जाए. याचियों का कहना था कि उन्होंने मतदाता सूची पर आपत्ति दाखिल की है मगर उनको आशंका है कि अंतिम मतदाता सूची जारी करते समय उनकी आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा.

नगर निगम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व अधिवक्ता विभु राय ने याचिका का विरोध किया. कोर्ट के समक्ष चुनाव आयोग द्वारा जारी अधिसूचना प्रस्तुत की गई जिसके अनुसार मतदाता सूची का निरीक्षण व आपत्ति के लिए 1 से 7 नवंबर का समय दिया गया था. 8 से 12 नवंबर के बीच आपत्ति का निस्तारण होना था, 14 से 17 नवंबर के बीच मतदाता सूची में संशोधन व 18 नवंबर को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाना अधिसूचना में तय किया गया था. कोर्ट ने कहा कि आपत्तियों का निस्तारण करना कानूनी व्यवस्था है इसके लिए किसी परमादेश याचिका की आवश्यकता नहीं है. अदालत ने निष्कर्ष के साथ याचिका निस्तारित कर दी.

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