प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. स्वामी चिन्मयानंद लॉ की एलएलएम छात्रा से दुष्कर्म मामले में जेल में बंद हैं. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की लंबी चली बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.
याची के वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि कथित पीड़िता ने ब्लैक मेलिंग के आरोप से बचने के लिए स्वामी को दुराचार के झूठे आरोप में फंसाया है. छात्रा के खिलाफ अपने मित्रों के साथ स्वामी को ब्लैकमेलिंग करने के पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं. छात्रा के पिता ने उसके लापता होने की एफआईआर दर्ज कराई थी, जबकि पीड़िता ने स्वयं ही कहा है कि वह अपनी मर्जी से रक्षाबंधन के पहले शाहजहांपुर से मित्रों के साथ बाहर गई थी.
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अधिवक्ता का कहना है कि छात्रा ने वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया और पीड़िता को कोर्ट में पेश किया गया. पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्वामी जी पर दुष्कर्म के आरोप नहीं लगाए और बाद में वकीलों की सलाह से मनगढ़ंत आरोप लगाए हैं.
वहीं पीड़िता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि पीड़िता के पास चिन्मयानंद के अत्याचारों की वीडियो क्लिपिंग है, जो वायरल भी हुई है. इससे पहले भी चिन्मयानंद पर अपनी शिष्या के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा है. उनका कहना है कि ऐसे आरोपी को रिहा किया गया तो अपराधियों को बढ़ावा मिलेगा और निष्पक्ष विचारण नहीं हो पाएगा. वहीं दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.