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स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

लॉ छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. वहीं दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें कोर्ट के सामने रखी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखने की बात कही.

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Published : Nov 16, 2019, 9:14 PM IST

दुष्कर्म आरोपी स्वामी चिन्मयानंद.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. स्वामी चिन्मयानंद लॉ की एलएलएम छात्रा से दुष्कर्म मामले में जेल में बंद हैं. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की लंबी चली बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.

जामनत याचिका पर फैसला सुरक्षित.

याची के वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि कथित पीड़िता ने ब्लैक मेलिंग के आरोप से बचने के लिए स्वामी को दुराचार के झूठे आरोप में फंसाया है. छात्रा के खिलाफ अपने मित्रों के साथ स्वामी को ब्लैकमेलिंग करने के पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं. छात्रा के पिता ने उसके लापता होने की एफआईआर दर्ज कराई थी, जबकि पीड़िता ने स्वयं ही कहा है कि वह अपनी मर्जी से रक्षाबंधन के पहले शाहजहांपुर से मित्रों के साथ बाहर गई थी.

इसे भी पढ़ें- यूपी में अब तक डेंगू के 7 हजार मरीज

अधिवक्ता का कहना है कि छात्रा ने वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया और पीड़िता को कोर्ट में पेश किया गया. पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्वामी जी पर दुष्कर्म के आरोप नहीं लगाए और बाद में वकीलों की सलाह से मनगढ़ंत आरोप लगाए हैं.

वहीं पीड़िता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि पीड़िता के पास चिन्मयानंद के अत्याचारों की वीडियो क्लिपिंग है, जो वायरल भी हुई है. इससे पहले भी चिन्मयानंद पर अपनी शिष्या के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा है. उनका कहना है कि ऐसे आरोपी को रिहा किया गया तो अपराधियों को बढ़ावा मिलेगा और निष्पक्ष विचारण नहीं हो पाएगा. वहीं दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. स्वामी चिन्मयानंद लॉ की एलएलएम छात्रा से दुष्कर्म मामले में जेल में बंद हैं. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की लंबी चली बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.

जामनत याचिका पर फैसला सुरक्षित.

याची के वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि कथित पीड़िता ने ब्लैक मेलिंग के आरोप से बचने के लिए स्वामी को दुराचार के झूठे आरोप में फंसाया है. छात्रा के खिलाफ अपने मित्रों के साथ स्वामी को ब्लैकमेलिंग करने के पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं. छात्रा के पिता ने उसके लापता होने की एफआईआर दर्ज कराई थी, जबकि पीड़िता ने स्वयं ही कहा है कि वह अपनी मर्जी से रक्षाबंधन के पहले शाहजहांपुर से मित्रों के साथ बाहर गई थी.

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अधिवक्ता का कहना है कि छात्रा ने वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया और पीड़िता को कोर्ट में पेश किया गया. पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्वामी जी पर दुष्कर्म के आरोप नहीं लगाए और बाद में वकीलों की सलाह से मनगढ़ंत आरोप लगाए हैं.

वहीं पीड़िता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि पीड़िता के पास चिन्मयानंद के अत्याचारों की वीडियो क्लिपिंग है, जो वायरल भी हुई है. इससे पहले भी चिन्मयानंद पर अपनी शिष्या के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा है. उनका कहना है कि ऐसे आरोपी को रिहा किया गया तो अपराधियों को बढ़ावा मिलेगा और निष्पक्ष विचारण नहीं हो पाएगा. वहीं दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

Intro:प्रयागराज: स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित 

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री  दुराचार के आरोपी स्वामी  चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. स्वामी चिन्मयानंद  एल एलएम छात्रा के दुराचार के आरोप में जेल में बंद हैं. न्यायमूर्ति  राहुल चतुर्वेदी ने दोनों पक्षों की लंबी चली बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया.




Body:याची के वरिष्ठ  अधिवक्ता दिलीप कुमार का कहना था कि कथित पीड़िता ने  ब्लैक मेलिंग  के आरोप से बचने के लिए स्वामी को दुराचार के झूठे आरोप में फंसाया है. छात्रा पर अपने मित्रों के साथ स्वामी को ब्लैक मेलिंग करने के पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं।छात्रा के पिता ने उसके लापता होने की एफ आई आर दर्ज कराई थी ,जबकि पीड़िता ने स्वयं ही कहा है कि वह अपनी मर्जी से रक्षाबंधन के पहले शाहजहांपुर से मित्रों के साथ बाहर चली गई थी. छात्रा ने  वीडियो वायरल कर  स्वामी चिन्मयानंद पर  दुराचार करने का आरोप लगाया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया और पीड़िता को कोर्ट में पेश किया गया. पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्वामी जी पर दुराचार के आरोप नहीं लगाए और बाद में वकीलों की सलाह से मनगढ़ंत आरोप लगाए हैं.




Conclusion:
पीड़िता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता रवि किरण जैन का कहना था कि पीड़िता के पास स्वामी के अत्याचारों की वीडियो क्लिपिंग है, जो वायरल है. इससे पहले भी स्वामी परअपनी शिष्या के साथ दुराचार का आरोप लगा है. कई छात्राओं के साथ स्वामी पर दुराचार करने के आरोप लगा हैं.
ऐसे आरोपी को रिहा किया गया तो अपराधियों को बढ़ावा मिलेगाऔर निष्पक्ष विचारण नही हो पायेगा. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है.

पीड़िता पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता  स्वेतास्व अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद ही आज फैसला सुरक्षित कर लिया है. मुझे आशा है आने 10 से 15 दिनों में फैसला कोर्ट सुनाएगा. हमने भी पीड़िता की तरफ हर पक्ष रखा. पीड़िता की तरफ यह भी कहा कि अगर मामला एक छात्रा से जुड़ा जिसका काफी लंबे समय तक शोषण किया. अगर किसी भी तरह से पीड़ित को न्याय नहीं मिलेगा तो अपराध को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा. मामले की सुनवाई न्यायाधीश राहुल चतुर्वेदी कर रहे हैं. देर शाम तक लंबी बहस के बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है.

बाईट- वरिष्ठ अधिवक्ता  स्वेतास्व अग्रवाल, इलाहाबाद हाईकोर्ट

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