प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर की गुटखा कंपनी एसएस एंटरप्राइजेज और जेएमडी इंटरप्राइजेज के निदेशकों को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से 10 दिन में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. कंपनी निदेशकों के खिलाफ हमीरपुर के सुमेरपुर थाने में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 272, 273 और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट की धारा 59 के तहत थानाध्यक्ष सुमेरपुर ने मुकदमा दर्ज है.
आरोप है कि इन कंपनियों में नकली गुटखा बनाए जाने की शिकायत मिलने पर पुलिस ने छापा मारा और लगभग 48 घंटे की छानबीन के बाद नकली गुटखा बनाए जाने का सामान बरामद किया गया. गिरफ्तारी से बचने के लिए कंपनी निदेशक राकेश गुप्ता, दिनेश गुप्ता आदि ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका पर मंगलवार को न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति यूसी शर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई की.
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निदेशकों की ओर से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी का कहना था कि असुरक्षित खाद्य पदार्थों के मामले में आईपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. ऐसे मामलों में सिर्फ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत ही मुकदमा चलाया जा सकता है. अधिवक्ता की यह भी दलील थी कि थाना अध्यक्ष ने उनसे पैसों की मांग की थी. जिसे पूरा न करने पर उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए 10 दिन का समय दिया है. साथ ही कहा है कि इस दौरान याचियों को उपरोक्त मुकदमे में गिरफ्तार न किया जाए.
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