प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High court) ने कहा है कि पुराने वकील की अनापत्ति लेकर ही नया वकील किसी केस में वकालतनामा दाखिल कर सकता है. पूर्व वकील की सहमति बगैर नया वकील लंबित केस में वकालतनामा दाखिल नहीं कर सकता. कोर्ट ने महानिबंधक कार्यालय (Registrar General Office) को इस आदेश का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि इन दिनों यह प्रवृत्ति काफी देखी जा रही है कि किसी मुकदमे में पहले से आबद्ध वकील से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बिना याची की ओर से हलफनामा लेकर दूसरा वकील अपना वकालतनामा दाखिल कर देता है. यह सही परंपरा नहीं है. सुरेश राघवानी की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने दिया है.
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जमानत अर्जी अधिवक्ता शशिधर पांडेय के मार्फत दाखिल की गई थी. सुनवाई के दौरान दूसरे अधिवक्ता बृजेश कुमार मिश्रा अदालत में उपस्थित हुए और उन्होंने बताया कि उन्होंने याची के हलफनामे के साथ रजिस्ट्री में वकालतनामा दाखिल किया है. उन्होंने शशिधर पांडे से इसकी एनओसी नहीं ली है. याची के खिलाफ आगरा के सागर थाने में हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है. जिसमें उन्होंने अग्रिम जमानत की मांग में अर्जी दी है. कोर्ट ने स्वस्थ परिपाटी की नसीहत देते हुए अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है.