प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से आयकर विभाग की 40 लाख रुपये आयकर वसूली के खिलाफ दाखिल पुनरीक्षण अर्जी, प्रधान आयकर आयुक्त ने खारिज कर दी है. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इसके खिलाफ एक बार फिर हाई कोर्ट जाने की तैयारी में है.
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन से आयकर विभाग ने कर निर्धारण वर्ष 2017-18 के लिए लगभग 40 लाख रुपये आयकर के रूप में वसूले हैं. बार एसोसिएशन का कहना है कि एसोसिएशन अपने सदस्यों के शुल्क से कल्याण योजनाओं का संचालन करती है, जो आयकर के दायरे से बाहर है.
बार एसोसिएशन ने आयकर की धारा 264 के तहत प्रधान आयुक्त के समक्ष रिवीजन अर्जी दाखिल कर इसे चुनौती दी थी. कोई कार्रवाई न होने पर बार एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की. 9 सितंबर 2021 को जस्टिस नाहिद आरा मुनीश और जस्टिस एसडी सिंह की खंडपीठ ने आयकर विभाग को निर्देश दिया कि वह बार एसोसिएशन की रिवीजन अर्जी गुण दोष के आधार पर निस्तारित करें. प्रधान आयकर आयुक्त आभा कला चंद्रा ने बार का पक्ष सुनने के बाद याचिका पोषणीय न पाते हुए खारिज कर दी है.
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डॉक्टर जायसवाल ने बताया कि हाईकोर्ट ने याचिका गुण दोष के आधार पर निस्तारित करने का निर्देश दिया था, मगर प्रधान आयुक्त ने इस पर सुनवाई नहीं की.
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