प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अभियोजन निदेशालय लखनऊ में अभियोजन निदेशक के पद पर आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर नियुक्ति से संबंधित कागजात न पेश करने पर प्रमुख सचिव गृह को बुधवार दोपहर दो बजे अभियोजन निदेशक पद पर आईपीएस अफसर की नियुक्ति के कागजात के साथ तलब किया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी एवं न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने मंगलवार को किशन कुमार पाठक की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. याचिका में कहा गया है कि सीआरपीसी की धारा 25 ए में राज्य सरकार को एक अभियोजन निदेशालय गठित करने की व्यवस्था दी गई है. इसके अनुसार इसका एक निदेशक होगा तथा कई उपनिदेशक हो सकते हैं.
याची के अधिवक्ता का कहना है कि निदेशक पद के लिए अनिवार्य अहर्ता है कि आवेदक को वकालत में 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिए. लेकिन, सरकार ने इस पद पर आशुतोष पांडेय की नियुक्ति की है जो आईपीएस अधिकारी हैं और निदेशक होने की बेसिक अहर्ता नहीं रखते हैं. याचिका में मांग की गई है कि आशुतोष पांडेय को निदेशक के पद से हटाया जाए. उनसे यह पूछा जाए कि वह किस हैसियत से इस पद पर काम कर रहे हैं
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