प्रयागराज: राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज (Government Intermediate College) नंद ग्राम गाजियाबाद में सहायक अध्यापक (गणित) के पद पर कार्यरत अध्यापक का मनमाने तरीके से स्थानांतरण करने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर हर्जाना लगाते हुए स्थानांतरण आदेश रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि जितनी अवधि तक अध्यापक अपने विद्यालय में कार्य नहीं कर सका उतनी अवधि तक दस हज़ार रूपये प्रति माह के हिसाब से उसे हरज़ाना का भुगतान किया जाए, क्योंकि अधिकारियों के मनमाने रवैए से अध्यापक को अदालत आने के लिए विवश होना पड़ा.
राजकीय इंटर कॉलेज नंदग्राम गाजियाबाद (Government Inter College Nandgram Ghaziabad) में सहायक अध्यापक देवेंद्र कुमार शर्मा की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने दिया है. याची का कहना था कि 13 जुलाई 2021 को उसका स्थानांतरण गाजियाबाद के ही त्योड़ी स्थित इंटर कॉलेज में कर दिया गया. इसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. याचिका लंबित रहने के दौरान ही 3 सितंबर 2021 को एक अन्य आदेश जारी कर उसका स्थानांतरण हापुड़ के अनूपपुर दिवाई कर दिया गया. याचिका में इन दोनों स्थानांतरण आदेशों को चुनौती दी गई थी.
कोर्ट ने कहा कि 18 अप्रैल 2018 के शासनादेश जिसके तहत याची का स्थानांतरण किया गया है कि अनुसार स्थानांतरण सिर्फ अध्यापक के अनुरोध पर ही किया जा सकता है. अध्यापक उन्हीं पदों पर स्थानांतरण के लिए अनुरोध कर सकता है, जो कि रिक्त पदों की सूची में शामिल है. याची ने अपने स्थानांतरण के लिए अनुरोध नहीं किया था. उसे एक अन्य अध्यापक पूजा त्यागी को नंद ग्राम में स्थानांतरित करने के लिए उसके पद से हटाया गया. पूजा त्यागी ने अपने स्थानांतरण के लिए अनुरोध किया था मगर नंद ग्राम में सहायक अध्यापक गणित का पद खाली नहीं था. इसलिए इस पद पर उसका स्थानांतरण करने के लिए याची को यहां से स्थानांतरित करने का निर्णय गैर कानूनी है.
याची अपने पद पर संतोषजनक तरीके से काम कर रहा था और उसके खिलाफ कोई शिकायत भी नहीं थी. कोर्ट ने याची का स्थानांतरण आदेश रद्द करते हुए उसे पुनः नंद ग्राम राजकीय इंटर कॉलेज में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि चूकि याची को बिना उसकी किसी गलती के स्थानांतरित किया गया, जिसकी वजह से उसे अदालत आने के लिए विवश होना पड़ा. इसलिए जितनी अवधि तक याची नंद ग्राम इंटर कॉलेज में काम नहीं कर सका उतनी अवधि तक प्रतिमाह 10000 रुपये के दर से उसे हरजाने का भुगतान किया जाए. इस आदेश का अनुपालन 1 माह के भीतर करने का निर्देश दिया है.
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