प्रयागराज: प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापक अब सरकारी दफ्तरों में शिक्षणेतर कार्य के लिए संबद्ध नहीं किए जाएंगे. यह जानकारी राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति विक्रमनाथ एवं न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ के समक्ष सुशील त्रिवेदी की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दी गई.
सुशील त्रिवेदी ने दायर की हाई कोर्ट में जनहित याचिका-
- कोर्ट में जनहित याचिका पर हुई सुनवाई.
- अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि इस संदर्भ में पहले ही आदेश जारी हो चुका है.
- शिक्षणेत्तर कार्य के लिए संबद्ध अध्यापकों को उनके स्कूल वापस भेजा जा रहा है.
- अध्यापकों की सरकारी दफ्तरों में संबद्धता के सभी आदेश वापस ले लिए गए हैं.
- प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कोई भी अध्यापक सरकारी दफ्तर से संबद्ध नहीं किए जाएंगे.
- हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से इस संबंध में हलफनामा मांगा है.
अध्यापकों की सरकारी दफ्तरों में संबद्धता के सभी आदेश वापस ले लिए गए हैं. साथ ही भविष्य में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कोई भी अध्यापक सरकारी दफ्तर से संबद्ध नहीं किए जाएंगे. वे सिर्फ पढ़ाने का कार्य करेंगे.
-मनीष गोयल, अपर महाधिवक्ता