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प्रयागराज: प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापक शिक्षणेतर कार्यों के लिए नहीं होंगे संबद्ध - प्रयागराज समाचार

उत्तर प्रदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुशील त्रिवेदी ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की. यह याचिका प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों की सरकारी दफ्तरों में संबद्धता हटाई जाने को लेकर थी. इसपर अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि इस संदर्भ में पहले ही आदेश जारी हो चुका है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जारी किए आदेश.
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Published : Aug 4, 2019, 10:27 PM IST

प्रयागराज: प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापक अब सरकारी दफ्तरों में शिक्षणेतर कार्य के लिए संबद्ध नहीं किए जाएंगे. यह जानकारी राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति विक्रमनाथ एवं न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ के समक्ष सुशील त्रिवेदी की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दी गई.

सुशील त्रिवेदी ने दायर की हाई कोर्ट में जनहित याचिका-

  • कोर्ट में जनहित याचिका पर हुई सुनवाई.
  • अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि इस संदर्भ में पहले ही आदेश जारी हो चुका है.
  • शिक्षणेत्तर कार्य के लिए संबद्ध अध्यापकों को उनके स्कूल वापस भेजा जा रहा है.
  • अध्यापकों की सरकारी दफ्तरों में संबद्धता के सभी आदेश वापस ले लिए गए हैं.
  • प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कोई भी अध्यापक सरकारी दफ्तर से संबद्ध नहीं किए जाएंगे.
  • हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से इस संबंध में हलफनामा मांगा है.

अध्यापकों की सरकारी दफ्तरों में संबद्धता के सभी आदेश वापस ले लिए गए हैं. साथ ही ‌भविष्य में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कोई भी अध्यापक सरकारी दफ्तर से संबद्ध नहीं किए जाएंगे. वे सिर्फ पढ़ाने का कार्य करेंगे.
-मनीष गोयल, अपर महाधिवक्ता

प्रयागराज: प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापक अब सरकारी दफ्तरों में शिक्षणेतर कार्य के लिए संबद्ध नहीं किए जाएंगे. यह जानकारी राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति विक्रमनाथ एवं न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ के समक्ष सुशील त्रिवेदी की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दी गई.

सुशील त्रिवेदी ने दायर की हाई कोर्ट में जनहित याचिका-

  • कोर्ट में जनहित याचिका पर हुई सुनवाई.
  • अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि इस संदर्भ में पहले ही आदेश जारी हो चुका है.
  • शिक्षणेत्तर कार्य के लिए संबद्ध अध्यापकों को उनके स्कूल वापस भेजा जा रहा है.
  • अध्यापकों की सरकारी दफ्तरों में संबद्धता के सभी आदेश वापस ले लिए गए हैं.
  • प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कोई भी अध्यापक सरकारी दफ्तर से संबद्ध नहीं किए जाएंगे.
  • हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से इस संबंध में हलफनामा मांगा है.

अध्यापकों की सरकारी दफ्तरों में संबद्धता के सभी आदेश वापस ले लिए गए हैं. साथ ही ‌भविष्य में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कोई भी अध्यापक सरकारी दफ्तर से संबद्ध नहीं किए जाएंगे. वे सिर्फ पढ़ाने का कार्य करेंगे.
-मनीष गोयल, अपर महाधिवक्ता

प्रयागराज। विधि संवाददाता
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापक अब सरकारी दफ्तरों में शिक्षणेत्तर कार्य के लिए संबद्ध नहीं किए जाएंगे। यह जानकारी राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दी गई।
न्यायमूर्ति विक्रमनाथ एवं न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ के समक्ष सुशील त्रिवेदी की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि इस संदर्भ में आदेश जारी हो चुका है और शिक्षणेत्तर कार्य के लिए संबद्ध अध्यापकों को उनके स्कूल वापस भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों की सरकारी दफ्तरों में संबद्धता के सभी आदेश वापस ले लिए गए हैं। साथ ही ‌भबिष्य में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कोई भी अध्यापक सरकारी दफ्तर से संबद्ध नहीं किए जाएंगे। वे सिर्फ पढ़ाने का कार्य करेंगे। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस संबंध में हलफनामा मांगा है। जनहिता याचिका में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सरकारी दफ्तरों में शिक्षणेत्तर कार्य के लिए संबद्ध होने के कारण पदों के रिक्त होने व शिक्षण कार्य प्रभावित होने की बात कही गई है। साथ ही ऐसे अध्यापकों को उनके स्कूलों में वापस भेजने का आदेश देने की मांग की गई है।
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