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खाली पदों को भरने के लिए 15 दिन का समय, जानें किसने तय की सीमा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजस्व परिषद के सदस्यों के खाली पदों को भरने के लिए सरकार को 15 दिन का समय दिया है. कोर्ट ने कहा सरकार ने पद खाली क्यों रखा है समझ से परे है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Nov 23, 2020, 9:59 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद प्रयागराज में खाली पदों पर 15 दिन में सदस्यों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा यदि नियुक्ति नहीं हो पाती तो महाधिवक्ता बतायें किस कारण से सरकार खाली पदों पर नियुक्ति करने से हाथ पीछे खींच रही है.

अगली सुनवाई 14 दिसंबर को
याचिका की अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने सीताराम भारती की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता आनंद त्रिपाठी, सुरेन्द्र यादव और अर्विन्द कुमार ने बहस की. इससे पहले कोर्ट ने प्रमुख सचिव राजस्व परिषद इलाहाबाद से पूछा था कि सदस्यों की नियुक्ति क्यों नहीं की जा रही है.

दस्तावेज का हवाला
कोर्ट ने महीनों से पद खाली होने के बावजूद नियुक्ति न करने के कारणों के साथ जिम्मेदार अधिकारी का हलफनामा मांगा था. स्थायी अधिवक्ता राम लखन देव ने कोर्ट से 15 दिन का समय मांगा और कहा कि कुछ दस्तावेज आने हैं ताकि हलफनामा दाखिल किया जा सके. इस पर कोर्ट ने कहा कि राजस्व परिषद में सदस्यों के पद क्यों खाली हैं, समझ से परे है.

सरकारी वकील ने मांगा 15 दिन का समय
कोर्ट ने कहा राजस्व मामलों की प्रदेश की सबसे बड़ी अदालत में मुकदमे सुनने के लिए पर्याप्त सदस्य नही हैं. इस समय केवल दो सदस्य ही हैं. सीटे खाली पड़ी हैं. इस पर सरकारी वकील ने नियुक्ति के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय मांगा. इसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने समय दिया है. साथ ही आदेश की प्रति महाधिवक्ता को लखनऊ भेजने का निर्देश दिया है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद प्रयागराज में खाली पदों पर 15 दिन में सदस्यों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा यदि नियुक्ति नहीं हो पाती तो महाधिवक्ता बतायें किस कारण से सरकार खाली पदों पर नियुक्ति करने से हाथ पीछे खींच रही है.

अगली सुनवाई 14 दिसंबर को
याचिका की अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने सीताराम भारती की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता आनंद त्रिपाठी, सुरेन्द्र यादव और अर्विन्द कुमार ने बहस की. इससे पहले कोर्ट ने प्रमुख सचिव राजस्व परिषद इलाहाबाद से पूछा था कि सदस्यों की नियुक्ति क्यों नहीं की जा रही है.

दस्तावेज का हवाला
कोर्ट ने महीनों से पद खाली होने के बावजूद नियुक्ति न करने के कारणों के साथ जिम्मेदार अधिकारी का हलफनामा मांगा था. स्थायी अधिवक्ता राम लखन देव ने कोर्ट से 15 दिन का समय मांगा और कहा कि कुछ दस्तावेज आने हैं ताकि हलफनामा दाखिल किया जा सके. इस पर कोर्ट ने कहा कि राजस्व परिषद में सदस्यों के पद क्यों खाली हैं, समझ से परे है.

सरकारी वकील ने मांगा 15 दिन का समय
कोर्ट ने कहा राजस्व मामलों की प्रदेश की सबसे बड़ी अदालत में मुकदमे सुनने के लिए पर्याप्त सदस्य नही हैं. इस समय केवल दो सदस्य ही हैं. सीटे खाली पड़ी हैं. इस पर सरकारी वकील ने नियुक्ति के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय मांगा. इसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने समय दिया है. साथ ही आदेश की प्रति महाधिवक्ता को लखनऊ भेजने का निर्देश दिया है.

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