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थानों में महिला शौचालय बनाने का मामला, सरकार की योजना से हाईकोर्ट असंतुष्ट - prayagraj news

यूपी में पुलिस थानों में महिला शौचालय को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से जानकारी मांगी, जिस पर सरकार ने सभी थानों में महिला पुलिस के लिए हास्टल बनाने की योजना की पेश की. सरकार ने बताया कि प्रदेश के 51 थानों में हास्टल का निर्माण जारी है. कोर्ट ने कहा कि हर थाने में महिला शौचालय और वाशरूम की तत्काल जरूरत है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Feb 17, 2021, 10:49 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने प्रदेश के 1,425 पुलिस थानों में से 1,317 थानों में महिला पुलिस के लिए हास्टल बनाने की योजना की मंजूरी की जानकारी दी और कहा कि चार महिला पुलिसकर्मी के लिए एक टायलेट और वाशरूम की व्यवस्था की गई है. प्रदेश के 51 थानों में निर्माण जारी है. बजट स्वीकृत किया गया है. विजिटर रूम में भी मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी. योजना पूरी होते ही प्रदेश के सभी पुलिस थानों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

इस पर कोर्ट ने कहा कि लंबे समय से यह योजना चल रही है. हर थाने में महिला शौचालय और वाशरूम की तत्काल जरूरत है. इस संबंध में सरकार द्वारा कोर्ट में कुछ नहीं बताया कि तत्काल के लिए क्या कदम उठाएं गए हैं. इस पर सरकार की तरफ से समय मांगा गया है. कोर्ट ने 22 फरवरी को पुलिस थानों में महिला शौचालय और वाशरूम बनाने पर जानकारी मांगी है.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायाधीश एस. एस शमशेरी की खंडपीठ ने विधि छात्र-छात्राओं अंजली पांडेय व 12 अन्य की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. याचिका में प्रयागराज के अधिकांश पुलिस थानों में महिला शौचालय न होने पर सवाल उठाए गए हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेश के पुलिस थानों की स्थिति पर जवाब मांगा था, जिस पर यह जानकारी दी गई है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि मूलभूत सुविधाएं मानव जीवन की गरिमा से जुड़ी हैं, जिन्हें उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने प्रदेश के 1,425 पुलिस थानों में से 1,317 थानों में महिला पुलिस के लिए हास्टल बनाने की योजना की मंजूरी की जानकारी दी और कहा कि चार महिला पुलिसकर्मी के लिए एक टायलेट और वाशरूम की व्यवस्था की गई है. प्रदेश के 51 थानों में निर्माण जारी है. बजट स्वीकृत किया गया है. विजिटर रूम में भी मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी. योजना पूरी होते ही प्रदेश के सभी पुलिस थानों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

इस पर कोर्ट ने कहा कि लंबे समय से यह योजना चल रही है. हर थाने में महिला शौचालय और वाशरूम की तत्काल जरूरत है. इस संबंध में सरकार द्वारा कोर्ट में कुछ नहीं बताया कि तत्काल के लिए क्या कदम उठाएं गए हैं. इस पर सरकार की तरफ से समय मांगा गया है. कोर्ट ने 22 फरवरी को पुलिस थानों में महिला शौचालय और वाशरूम बनाने पर जानकारी मांगी है.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायाधीश एस. एस शमशेरी की खंडपीठ ने विधि छात्र-छात्राओं अंजली पांडेय व 12 अन्य की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. याचिका में प्रयागराज के अधिकांश पुलिस थानों में महिला शौचालय न होने पर सवाल उठाए गए हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेश के पुलिस थानों की स्थिति पर जवाब मांगा था, जिस पर यह जानकारी दी गई है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि मूलभूत सुविधाएं मानव जीवन की गरिमा से जुड़ी हैं, जिन्हें उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है.

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