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हाईकोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणी, पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव में आकर जीवन बर्बाद कर रहे देश के युवा

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Published : Jul 25, 2023, 10:50 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आत्महत्या को उकसाने के आरोपी को जमानत देते हुए महत्वपूर्ण टिप्पीण की है. कोर्ट ने कहा कि देश के युवक पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव में अपना जीवन बर्बाद कर रहे है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि देश का युवा पश्चिमी संस्कृति के अनुकरण को तवज्जो दे रहा है. इस लालच में वह अपना जीवन बर्बाद कर रहा है. ऐसे में उसे कोई वास्तविक जीवनसाथी नहीं मिल पाता. कोर्ट ने कहा कि देश के युवा सोशल मीडिया, फिल्मों, टीवी धारावाहिकों और दिखाई जा रही वेब सीरीज के प्रभाव में अपने जीवन के बारे में सही निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. सही साथी की तलाश में वे अक्सर गलत व्यक्ति की संगति में पहुंच जाते हैं.

कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया, फिल्में आदि दिखाती हैं कि जीवनसाथी के साथ बेवफाई सामान्य है. इस कारण कई युवा प्रयोग करना शुरू कर देते हैं. यह टिप्पणी न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने एक लड़की को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपी जय गोविंद उर्फ रामजी यादव की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए की है. कोर्ट ने कहा कि इस स्थिति के कारण शादी का झूठा वादा करके रेप का अपराध करना, आत्महत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध करना जैसे मामले बड़ी संख्या में न्यायालय आ रहे हैं.

तथ्यों के अनुसार याची और पीड़िता के बीच प्रेम संबंध था. याची और सह अभियुक्तों पर आरोप है कि उन्होंने मिलकर पीड़िता का अपहरण कर लिया. नशीला पदार्थ खिलाकर रेप किया और वीडियो बना लिया. इससे पीड़िता अवसाद में चली गई. 9 जून 2022 को उसका फिर से अपहरण किया गया और फिर बाजार में छोड़ दिया. इसके बाद पीड़िता ने जहरीला पदार्थ खा लिया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां 10 जून 2022 को उसकी मौत हो गई.

इसके बाद याची (आरोपी) और सहअभियुक्तों के खिलाफ झांसी के नवाबाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. विवेचना के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 306, 504 और 506 के तहत चार्जशीट दाखिल की. याची की ओर से कहा गया कि दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन पीड़िता के परिवार वाले उनके रास्ते में आ गए. सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि याची के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आवश्यक तथ्य नहीं हैं. इसलिए जमानत मंजूर की जाती है.

यह भी पढ़ें: अपार्टमेंट एक्ट के प्रावधान दैनिक जीवन में राजनीति को हावी होने से रोकने वाले: HC

यह भी पढ़ें: High court: भर/राजभर को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने को दो माह का समय और

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि देश का युवा पश्चिमी संस्कृति के अनुकरण को तवज्जो दे रहा है. इस लालच में वह अपना जीवन बर्बाद कर रहा है. ऐसे में उसे कोई वास्तविक जीवनसाथी नहीं मिल पाता. कोर्ट ने कहा कि देश के युवा सोशल मीडिया, फिल्मों, टीवी धारावाहिकों और दिखाई जा रही वेब सीरीज के प्रभाव में अपने जीवन के बारे में सही निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. सही साथी की तलाश में वे अक्सर गलत व्यक्ति की संगति में पहुंच जाते हैं.

कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया, फिल्में आदि दिखाती हैं कि जीवनसाथी के साथ बेवफाई सामान्य है. इस कारण कई युवा प्रयोग करना शुरू कर देते हैं. यह टिप्पणी न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने एक लड़की को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपी जय गोविंद उर्फ रामजी यादव की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए की है. कोर्ट ने कहा कि इस स्थिति के कारण शादी का झूठा वादा करके रेप का अपराध करना, आत्महत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध करना जैसे मामले बड़ी संख्या में न्यायालय आ रहे हैं.

तथ्यों के अनुसार याची और पीड़िता के बीच प्रेम संबंध था. याची और सह अभियुक्तों पर आरोप है कि उन्होंने मिलकर पीड़िता का अपहरण कर लिया. नशीला पदार्थ खिलाकर रेप किया और वीडियो बना लिया. इससे पीड़िता अवसाद में चली गई. 9 जून 2022 को उसका फिर से अपहरण किया गया और फिर बाजार में छोड़ दिया. इसके बाद पीड़िता ने जहरीला पदार्थ खा लिया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां 10 जून 2022 को उसकी मौत हो गई.

इसके बाद याची (आरोपी) और सहअभियुक्तों के खिलाफ झांसी के नवाबाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. विवेचना के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 306, 504 और 506 के तहत चार्जशीट दाखिल की. याची की ओर से कहा गया कि दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन पीड़िता के परिवार वाले उनके रास्ते में आ गए. सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि याची के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आवश्यक तथ्य नहीं हैं. इसलिए जमानत मंजूर की जाती है.

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