ETV Bharat / state

पुलिस भर्ती में नियुक्ति न होने पर हाई कोर्ट ने किया तलब - प्रयागराज ताजा समाचार

उत्तर प्रदेश में 2013 की पुलिस भर्ती प्रक्रिया में नियुक्ति पत्र जारी न करने पर हाईकोर्ट ने जानकारी तलब की है. वहीं एक अन्य मामले में पत्नि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी पति की जमानत मंजूर कर ली गई है.

etv bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट
author img

By

Published : Jan 16, 2020, 6:46 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2013 की पुलिस भर्ती प्रक्रिया में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र न जारी करने के मामले में पुलिस भर्ती बोर्ड और राज्य सरकार से जानकारी तलब की है. यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने चंजीत यादव और 16 अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका की सुनवाई 23 जनवरी को होगी.

याची का कहना है कि पुलिस भर्ती में शारीरिक दक्षता एवं चिकित्सीय परीक्षा में सफल होने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन किया गया. इसके बावजूद उसे अभी तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया जा रहा है. इस संबंध में कोई जानकारी भी नहीं दी जा रही है. इस पर कोर्ट ने बोर्ड को 10 दिन के भीतर इससे संबंधित जानकारी उपलब्ध करने का आदेश दिया है.

आरोपी पति की जमानत मंजूर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झांसी बड़गांव के जय हिंद की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. इन पर दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप है. यह आदेश न्यायमूर्ति बच्चू लाल ने जय हिंद की अर्जी पर दिया है. याची अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा का कहना था कि पति ने पत्नी को रक्षाबंधन त्योहार में मायके जाने की अनुमति नहीं दी, जिससे क्रोधित होकर उसने आत्महत्या कर ली. यह भी कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत किस कारण से हुई, इसका पता नहीं चल सका है.

इसे भी पढ़ें- सीपीए सम्मेलन की मेजबानी करना गौरव का विषय: सीएम योगी

दोनों की शादी 2009 में हुई थी. पत्नी ने धारा 125 के अंतर्गत 2011 में भरण-पोषण के लिए मुकदमा भी किया था, लेकिन समझौता होने पर मुकदमा वापस हो गया और दोनों साथ-साथ जीवन यापन कर रहे थे. किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं रहा है. दहेज मांगने का भी कोई साक्ष्य नहीं है. उसके खिलाफ धारा 306 का अपराध नहीं बनता है. इस मामले में याची 30 अगस्त 2019 से जेल में बंद है. कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए कहा है कि वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करेगा. गवाहों को धमकी नहीं देगा. साथ ही केस में पूरा सहयोग करेगा.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2013 की पुलिस भर्ती प्रक्रिया में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र न जारी करने के मामले में पुलिस भर्ती बोर्ड और राज्य सरकार से जानकारी तलब की है. यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने चंजीत यादव और 16 अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका की सुनवाई 23 जनवरी को होगी.

याची का कहना है कि पुलिस भर्ती में शारीरिक दक्षता एवं चिकित्सीय परीक्षा में सफल होने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन किया गया. इसके बावजूद उसे अभी तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया जा रहा है. इस संबंध में कोई जानकारी भी नहीं दी जा रही है. इस पर कोर्ट ने बोर्ड को 10 दिन के भीतर इससे संबंधित जानकारी उपलब्ध करने का आदेश दिया है.

आरोपी पति की जमानत मंजूर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झांसी बड़गांव के जय हिंद की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. इन पर दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप है. यह आदेश न्यायमूर्ति बच्चू लाल ने जय हिंद की अर्जी पर दिया है. याची अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा का कहना था कि पति ने पत्नी को रक्षाबंधन त्योहार में मायके जाने की अनुमति नहीं दी, जिससे क्रोधित होकर उसने आत्महत्या कर ली. यह भी कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत किस कारण से हुई, इसका पता नहीं चल सका है.

इसे भी पढ़ें- सीपीए सम्मेलन की मेजबानी करना गौरव का विषय: सीएम योगी

दोनों की शादी 2009 में हुई थी. पत्नी ने धारा 125 के अंतर्गत 2011 में भरण-पोषण के लिए मुकदमा भी किया था, लेकिन समझौता होने पर मुकदमा वापस हो गया और दोनों साथ-साथ जीवन यापन कर रहे थे. किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं रहा है. दहेज मांगने का भी कोई साक्ष्य नहीं है. उसके खिलाफ धारा 306 का अपराध नहीं बनता है. इस मामले में याची 30 अगस्त 2019 से जेल में बंद है. कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए कहा है कि वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करेगा. गवाहों को धमकी नहीं देगा. साथ ही केस में पूरा सहयोग करेगा.

[16/01, 16:42] Krishna Ji Shukla: वकीलों की हड़ताल-हाईकोर्ट में कामकाज बुरी तरह प्रभावित 


प्रयागराज 16 जनवरी 
प्रदेश में आये दिन हो रही अधिवक्ताओं की हत्या की घटनाओं के विरोध में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया। जिसके चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायिक कार्य बाधित रहा। 
सुबह से ही बार के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश पांडेय के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर में प्रवेश द्वारों पर पिकेटिंग की और अधिवक्ता  बंधुओं से न्यायिक कार्य से विरत रहने के प्रस्ताव का पालन  करने का अनुरोध किया ।
अदालतें रोज की तरह बैठी  किंतु अधिवक्ताओं की अनुपस्थिति के कारण वापस अपने चेंबर में लौट गई।
 बार काउंसिल के आह्वान पर पर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन   की कार्यकारिणी ने न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला लिया था।  जिसके तहत बृहस्पतिवार को अदालती कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ ।
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अलावा तमाम अधिवक्ता संगठनों ने भी बार काउंसिल के आह्वान के समर्थन में न्यायिक कार्य नहीं किया।
अधिवक्ताओं ने  प्रदेश सरकार से अधिवक्ताओं की हत्या के आरोपियों को तत्काल गिरफ्तारी करने और अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू कर अधिवक्ताओं के खिलाफ बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने की भी मांग की।
[16/01, 16:43] Krishna Ji Shukla: पुलिस भर्ती में नियुक्ति न होने पर जानकारी तलब

प्रयागराज 16 जनवरी
 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2013की पुलिस   भर्ती प्रक्रिया में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र न जारी करने के मामले में पुलिस भर्ती बोर्ड व राज सरकार से जानकारी तलब की है।
यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने चंजीत यादव व 16अन्य की याचिका  पर दिया है।  याचिका की सुनवाई 23 जनवरी को होगी ।
याची का कहना है कि   पुलिस भर्ती में शारीरिक दक्षता एवं चिकित्सीय परीक्षा में सफल होने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन किया गया ।इसके बावजूद उसे अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं जारी किया जा रहा है। और इस संबंध में कोई जानकारी भी नहीं दी जा रही है ।जिस पर कोर्ट ने बोर्ड को 10 दिन के भीतर इस संबंध में जानकारी उपलब्ध करने का आदेश दियाहै।
[16/01, 17:00] Krishna Ji Shukla: आत्म हत्या को उकसाने के आरोपी पति की जमानत,मंजूर


प्रयागराज 16 जनवरी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़गांव, झांसी के जय हिंद की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। इन पर दहेज उत्पीड़न एवं आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप है।
 यह आदेश न्यायमूर्ति बच्चू लाल ने जय हिंद की अर्जी पर दिया है। याची अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा का कहना था कि  पति ने अपनी पत्नी को रक्षाबंधन त्यौहार में मायके जाने की अनुमति नहीं दी ।जिससे क्रोधित होकर उसने आत्महत्या कर ली ।यह भी कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत किस कारण से हुई ,इसका पता नहीं चल सका है ।और बिसरा  रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।  उनकी शादी 2009 में हुई थी। पत्नी ने धारा 125 के अंतर्गत 2011 में भरण-पोषण के लिए मुकदमा भी किया था। लेकिन समझौता होने पर  मुकदमा वापस हो गया और दोनों साथ-साथ जीवन यापन कर रहे थे। किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं रहा है। दहेज मांगने का भी कोई साक्ष्य नहीं है ।उसके खिलाफ धारा 306 भा दं सं का अपराध नहीं बनता है।
 याची  30 अगस्त 2019 से जेल में बंद है ।
कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए कहा है कि वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करेगा ,गवाहों को धमकी नहीं देगा।  साथ ही केस के विचारण में पूरा सहयोग करेगा।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.