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गन्ना किसानों के बकाया ब्याज मामले की सुनवाई 22 नवंबर को

गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी की ओर से दाखिल हलफनामे में याचिकाकर्ता बीएम सिंह पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. सिंह जानबूझकर व्यक्तिगत तथा राजनीतिक लाभ के लिए न्यायिक प्रक्रिया की जानकारी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया को दे रहे हैं.

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Published : Oct 27, 2021, 10:25 PM IST

Updated : Oct 27, 2021, 10:32 PM IST

गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी
गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी

प्रयागराजः प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का बकाया ब्याज के भुगतान करने के मामले में गन्ना आयुक्त की ओर से मंगलवार को हलफनामा दाखिल कर उठाए गए कदमों की जानकारी अदालत में दी गई.

गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी की ओर से दाखिल हलफनामा में याचिकाकर्ता बीएम सिंह पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. कहा कि बीएम सिंह जान बूझकर व्यक्तिगत तथा राजनीतिक लाभ के लिए न्यायिक प्रक्रिया की जानकारी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया को दे रहे हैं.

इसकी वजह से किसानों में बेवजह आक्रोश पैदा हो रहा है. इससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है. कोर्ट ने हलफनामा रिकॉर्ड पर लेने के बाद मामले की सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तारीख नियत की है.

न्यायमूर्ति प्रकाश पांडिया ने याचिका की सुनवाई की. हाईकोर्ट ने 9 मार्च को प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि वह गन्ना किसानों को पेराई सत्र 2012-13, 2013- 14 व 2014-15 के गन्ना मूल्य पर बकाया ब्याज का भुगतान करें. इस आदेश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका दाखिल की गई.

यह भी पढ़ेः प्रयागराजः हाई कोर्ट के जज के खिलाफ सीबीआई करेगी जांच, CJI ने दी मंजूरी

अवमानना याचिका में कहा गया है कि कोर्ट के आदेश के ढाई साल बाद भी गन्ना किसानों को बकाया ब्याज का भुगतान नहीं किया गया है. याचिका पर कोर्ट ने प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी थी. साथ ही कहा था भुगतान के मामले में सरकार के निर्णय की जानकारी लेकर कोर्ट को अवगत कराए.

आदेश के अनुपालन में गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि गन्ना आयुक्त में 25 मार्च 2019 को सभी पक्षों को सुनने के बाद इस संबंध में आदेश पारित कर दिया है.

इस प्रकार से कोर्ट के आदेश अनुपालन कर दिया गया है. अब प्रकरण सरकार के समक्ष विचाराधीन है. अवमानना याचिका को जनहित याचिका में तब्दील करने का प्रयास किया जा रहा है तथा इसे एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश हो रही है.

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प्रयागराजः प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का बकाया ब्याज के भुगतान करने के मामले में गन्ना आयुक्त की ओर से मंगलवार को हलफनामा दाखिल कर उठाए गए कदमों की जानकारी अदालत में दी गई.

गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी की ओर से दाखिल हलफनामा में याचिकाकर्ता बीएम सिंह पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. कहा कि बीएम सिंह जान बूझकर व्यक्तिगत तथा राजनीतिक लाभ के लिए न्यायिक प्रक्रिया की जानकारी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया को दे रहे हैं.

इसकी वजह से किसानों में बेवजह आक्रोश पैदा हो रहा है. इससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है. कोर्ट ने हलफनामा रिकॉर्ड पर लेने के बाद मामले की सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तारीख नियत की है.

न्यायमूर्ति प्रकाश पांडिया ने याचिका की सुनवाई की. हाईकोर्ट ने 9 मार्च को प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि वह गन्ना किसानों को पेराई सत्र 2012-13, 2013- 14 व 2014-15 के गन्ना मूल्य पर बकाया ब्याज का भुगतान करें. इस आदेश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका दाखिल की गई.

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अवमानना याचिका में कहा गया है कि कोर्ट के आदेश के ढाई साल बाद भी गन्ना किसानों को बकाया ब्याज का भुगतान नहीं किया गया है. याचिका पर कोर्ट ने प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी थी. साथ ही कहा था भुगतान के मामले में सरकार के निर्णय की जानकारी लेकर कोर्ट को अवगत कराए.

आदेश के अनुपालन में गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि गन्ना आयुक्त में 25 मार्च 2019 को सभी पक्षों को सुनने के बाद इस संबंध में आदेश पारित कर दिया है.

इस प्रकार से कोर्ट के आदेश अनुपालन कर दिया गया है. अब प्रकरण सरकार के समक्ष विचाराधीन है. अवमानना याचिका को जनहित याचिका में तब्दील करने का प्रयास किया जा रहा है तथा इसे एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश हो रही है.

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Last Updated : Oct 27, 2021, 10:32 PM IST
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