प्रयागराज: रेलवे सुरक्षा बल ( आरपीएफ ) में वाटर कैरियर के पद पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थी को परीक्षा में कटऑफ अंक से अधिक नंबर मिलने के बावजूद उसे नियुक्ति देने से रेलवे ने इंकार कर दिया. अभ्यर्थी ने इस मामले में हाईकोर्ट की शरण ली है. अभ्यर्थी अंशुमान रे की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने रेलवे को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है.
याची के अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा का कहना था कि आरपीएफ में कांस्टेबल और अन्य पदों की भर्ती के लिए दिसंबर 2018 में विज्ञापन जारी किया गया. याची ने वाटर कैरियर पद ग्रुप डी के लिए आवेदन किया था. कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट और शारीरिक दक्षता परीक्षा दोनों में वह सफल रहा. मगर अंतिम चयन परिणाम जारी होने पर पता चला कि उसका उसका चयन नहीं हुआ है.
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याची ने सूचना के अधिकार के तहत रेलवे से जानकारी मांगी, तो उसे बताया गया कि उसके अंक कट ऑफ मार्क्स से कम होने के कारण उसे नियुक्ति नहीं दी गई है. इसके बाद पुनः याची ने सूचना के अधिकार के तहत उसे प्राप्त अंकों की जानकारी मांगी. उसे बताया गया कि कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट में 38.44 अंक और शारीरिक परीक्षा में 18 अंक मिले हैं. इस प्रकार से याची को कुल 56.44 अंक प्राप्त हुए हैं, जबकि रेलवे द्वारा घोषित कट ऑफ मार्क 54.67 था. याची को कट ऑफ मार्क्स अधिक अंक प्राप्त होने के बावजूद रेलवे ने नियुक्ति नहीं दी. कोर्ट ने इस मामले में रेलवे को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है.
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