प्रयागराज: मस्जिद में लाउडस्पीकर से अजान पर रोक के खिलाफ गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने जनहित याचिका दाखिल की थी. अब इस पर राज्य सरकार ने जवाब दाखिल किया है. कोर्ट ने याची अधिवक्ता शैयद सफदर अली काजमी को प्रत्युत्तर दाखिल करने का समय दिया है. 5 मई को याचिका की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने दिया है.
राज्य सरकार ने याची की मांग को निराधार बताते हुए याचिका खारिज करने की मांग की है. राज्य सरकार ने बताया कि लॉकडाउन में सरकार बिना भेदभाव के काम कर रही है और नागरिकों की सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं.
सांसद अफजाल अंसारी का आरोप
डीएम गाजीपुर ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान पर रोक लगा दी थी. इस आदेश के खिलाफ सांसद अफजाल अंसारी ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की थी. पत्र में बताया गया था कि डीएम गाजीपुर का आदेश धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का हनन है. सांसद ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी से देश की जनता काफी परेशान है. सभी लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं. लोग अपने-अपने घरों में नमाज पढ़ रहे हैं, लेकिन डीएम ने अपने मौखिक निर्देश से जिले में अजान पर रोक लगा दी है, जो कि सरासर गलत है.
राज्य सरकार का जवाब
मामले में राज्य सरकार की तरफ से जवाब दिया गया कि जिलाधिकारी ने विगत मार्च माह से ही केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की गाइडलाइन का पालन किया है. इसके तहत किसी भी प्रकार के सामूहिक, धार्मिक कार्यक्रम पर रोक लगाई गई है. यह रोक रामनवमी, अंबेडकर जयंती, ईस्टर और नमाज आदि सारे कार्यक्रम पर लगा हुआ है. चूंकि गाजीपुर जिले में भी कोरोना के कुछ मामले सामने आए थे. इसके कारण कहीं भीड़ न हो. इसके लिए कार्यक्रमों पर रोक लगाई गई है.
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