प्रयागराजः एसपी के फुलपुर से पूर्व एमएलए सईद अहमद के बेटे को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने दुराचार और जबरन धर्म परिवर्तन के एक मामले में कवि अहमद को जमानत दे दी है. उसके ऊपर सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज है. इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से अर्जी पर जवाब मांगा है. अर्जी की सुनवाई 7 जनवरी को होगी.
ये आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने दिया है. याची का कहना है कि वह और पीड़ित साथ में व्यवसाय करते थे. घाटा होने के बाद झूठे आरोप लगाये हैं. 13 सितंबर 21 को प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार पीड़ित मिस इंडिया की तैयारी कर रही थी. उसने सिविल लाइंस में जिम भी ज्वाइन किया था. 2010 में याची संपर्क में आया. वो नाम बदलकर लखनऊ ब्यूटी पार्लर चलाने के लिए ले गया. यहां उसने पीड़ित के साथ अवैध संबंध कायम कर अश्लील वीडियो बनाया और ब्लैकमेल करने लगा. 12 सितंबर 21 को सिविल लाइंस में पीछा कर रहा था, तो पीड़ित ने पुलिस बूथ पर पहुंचकर अपनी जान बचाई थी. इसके बाद उसने घटना की प्राथमिकी दर्ज कराई है.
उधर, एक और अहम खबर हाईकोर्ट से आ रही है, जहां पर कोर्ट के स्टाफ के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को कोविड-19 के प्रसार को देखते हुए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई मास्क बगैर पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. निबंधक स्थापना की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि स्टाफ और अधिकारी बिना मास्क पहने कार्यालय और परिसर में आते-जाते अक्सर देखें जा रहे हैं.
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सभी को कोविड 19 के नियमों का पालन करने और सोसल डिस्टेंसिंग बनाये रखने का निर्देश दिया गया है. अभी न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन और उनकी पत्नी के कोरोना पाजिटिव पाये जाने के बाद हाईकोर्ट प्रशासन ने सख्ती बरती है.